माँ बगलामुखी का महायज्ञ कल्पवृक्ष के समानः नरसिंहानंद

गंगा घाट पर आरम्भ हुआ 5 दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ
हरिद्वार।
सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी हरिीार के गुरु कार्षि्ण घाट पर सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण, सनातन धर्म तथा सनातन धर्म के मानने वालों की बेटियांे और परिवार सहित रक्षा,सनातन धर्म के सभी शत्रुओं के समूल विनाश तथा महायज्ञ के भाग लेने वाले तथा सहयोग करने वाले भक्तगणों की सभी सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु विजय और सदबुद्धि की देवी मां बगलामुखी तथा महादेव का पांच दिनों तक चलने वाले महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। यह महायज्ञ उन सभी सनातन धर्मियों को बल देगा जो धर्म और अपने बन्धु, बांधव, मित्रगण सहित अपने परिवार की रक्षा के लिये लड़ेंगे।
महायज्ञ के मुख्य व्यवस्थापक अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने धर्म की रक्षा के लिये आजीवन माँ बगलामुखी महायज्ञ में यथासंभव सहयोग करने का संकल्प लिया।
महायज्ञ का शुभारंभ करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने बताया कि सनातन धर्म मे शत्रु विनाश और विजय के लिये मां बगलामुखी और महादेव की साधना से बढ़कर कुछ भी नहीं है। मां बगलामुखी और महादेव की साधना का सबसे बड़ा उपाय मंत्र जप और महायज्ञ है। मां बगलामुखी और महादेव का महायज्ञ कल्पवृक्ष के समान हैं जो मानव की सभी मनोकामना पूर्ण करने में समर्थ है। आज जब हमारा सम्पूर्ण अस्तित्व खतरे में है तो हमें मां बगलामुखी और महादेव की शरण में जाना ही चाहिये।
यति नरसिंहानंद ने बताया कि उनका संकल्प है कि यह महायज्ञ कभी भी न रुके और अनन्त काल तक चलता रहे। अभी इस महायज्ञ का लक्ष्य देश के प्रमुख तीर्थो में जाकर वहां इसी तरह के पांच दिवसीय महायज्ञ करना है, परन्तु जैसे-जैसे भक्तगण जुड़ते जायेंगे और सहायक बढ़ते जाएंगे यह महायज्ञ और अधिक प्रचण्ड होता चला जायेगा। उन्होंने हर हिन्दू से इस महायज्ञ में भागीदारी करने का आह्वान किया।
महायज्ञ के शुभारंभ में महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद आचार्य, महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती, स्वामी अमृतानंद, स्वामी ललितानंद, स्वामी बलराम मुनि, सनोज शास्त्री, कृष्ण वल्लभ भारद्वाज, अशोक पांडेय, अभिषेक गुप्ता तथा अन्य गणमान्य भक्तों ने भाग लिया।

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