एक महिला रिश्तेदार और उसके पति पर स्पा सेंटर की आड़ में गलत काम कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही आरोप है कि जब युवती ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसके साथ छेड़खानी व मारपीट गई की। पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं स्पा सेंटर का मालिक फरार है। मामला उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर का है।
जानकारी के मुताबिक पीडि़ता असम की रहने वाली है। उसने इस मामले में काशीपुर पुलिस को एक तहरीर दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए ये कार्रवाई की। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि विश्वकर्मा पत्नी इशाक उर्फ डेविड निवासी 662 नीर विहार मदनपुर दबास उत्तरी दिल्ली ने उसे काम दिलाने के नाम पर दिल्ली बुलाया था। इसके बाद उसे काशीपुर लाया गया, जहां उसे स्पा सेंटर में काम के लिए रख लिया। आरोप है कि स्पा सेंटर में सपना विश्वकर्मा और स्पा सेंटर के मालिक ने उसे ग्राहकों के साथ गलत काम करने के लिए कहा। इसके लिए उस पर दबाव भी बनाया गया, लेकिन युवती ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद सपना के पति डेविड ने उसके साथ छेड़खानी कर मारपीट की। आखिर में परेशान होकर पीडि़ता ने पुलिस को तहरीर दी। पीडि़ता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। घटना का खुलासा करते हुए सीओ अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर रेलवे स्टेशन से आरोपी सपना विश्वकर्मा और उसके पति इशाक उर्फ डेविड को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह असम निवासी युवती को अनैतिक देह व्यापार से पैसा कमाने के लिए लेकर आए थे, लेकिन युवती के मुकदमा लिखवाने के बाद वह भागने के प्रयास में थे। सीओ ने बताया कि इस मामले में तीसरा आरोपी स्पा सेंटर का स्वामी फरार चल रहा है।
विधायक महेश नेगी मामलाः रेप की पुष्टि नहीं, याचिका निस्तारित
नैनीताल। यौन शोषण के आरोप में घिरे द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी मामले में दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर नैनीताल हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई हुई। कोर्ट ने विधायक की तरफ से दायर याचिका में सुनवाई करते हुए उसे अंतिम रूप से निस्तारित कर दी। पूर्व में सरकार से इस मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। जिसमें आज जांच अधिकारी की ओर से अंतिम जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। जांच में विधायक के खिलाफ रेप करने की पुष्टि नहीं हुई। इस आधार पर कोर्ट ने उनकी याचिका को निस्तारित कर दिया।
पीडि़ता की तरफ से दायर केस में कोर्ट ने सरकार व विधायक महेश नेगी से 13 जनवरी तक शपथपत्र पेश करने को कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान पीडि़ता ने कोर्ट को अवगत कराया था कि अभी तक डीएनए रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। पीडि़ता की तरफ से ये भी कहा गया कि महेश नेगी की डीएनए जांच कराई जाए, क्योंकि वे ही उनकी बेटी के पिता हैं। जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि कई जगहों पर विधायक उनके साथ रहे हैं। उनको पूर्व में दिया गया स्टे ऑर्डर को भी निरस्त किया जाए। सरकार जान बूझकर इस मामले को लंबित कर रही है।
गौर हो कि पीडि़ता ने 6 सितंबर 2020 को नेहरू कालोनी देहरादून में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है। अब दोनों पति-पत्नी उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस मामले जांच कर रहे दो आईओ को भी सरकार ने बदल दिया है। क्योंकि विधायक सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक है, इसलिए मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपात रवैया अपना रही है। सही तरीके से जांच भी नहीं कर रही है। जबकि, उसके पास विधायक के सभी कारनामों की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है। आज हाईकोर्ट ने विधायक महेश नेगी की याचिका को निस्तारित कर दिया है। अब पीडि़ता की याचिका पर 13 जनवरी तक सरकार और विधायक महेश नेगी को जवाब पेश करना होगा।