हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा है कि खालसा पंथ की स्थापना सनातन धर्म की रक्षा के लिए हुई थी। लेकिन वर्तमान में कुछ असामाजिक तत्व भगवा धारण कर सनातन धर्म को खंडित करने का कार्य कर रहे हैं। कनखल स्थित अखाड़े में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि संतों का कार्य समाज का मार्गदर्शन कर हमें ज्ञान की प्रेरणा देना होता है। लेकिन कुछ पारिवारिक लोग संत का चोला धारण कर समाज को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संत जगजीत सिंह महाराज को निर्मल परंपराओं के विरुद्ध कार्य करने और अखाड़े विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते कुछ समय पूर्व निर्मल अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। लेकिन वह लगातार भूरी वाले गुट के साथ मिलकर अखाड़े की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भूरी वाले गुट के लोग भगवा चोला धारण कर समाज में अराजकता का माहौल फैला रहे हैं। जिनके खिलाफ श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की ओर से कानूनी कार्रवाई भी की गई थी। जिस पर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए भूरी वाले गुड के कई लोगों पर संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि कोई भी आश्रम या अखाड़ा संत जगजीत सिंह से वास्ता रखता है तो उसका निर्मल अखाड़े से कोई संबंध नहीं होगा और श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का कोई भी संत उस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा जहां संत जगजीत सिंह अथवा भूरीवाले गुट का कोई भी संत मौजूद रहेगा। महंत हरदेव सिंह एवं महंत सतनाम सिंह महाराज ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व समाज को भ्रमित कर श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संबंध में गलत प्रचार प्रसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म विरोधी कार्य करने वालों को संत समाज अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगा। इस दौरान महंत सुखजीत सिंह, महंत अमनदीप सिंह, संत सुखप्रीत सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत गज्जन सिंह ज्ञानी, महंत खेम सिंह, संत जसकरण सिंह, संत भूपेंद्र सिंह, संत हरजोध सिंह, संत जरनैल सिंह, संत गुरजीत सिंह, संत तलविंदर सिंह, संत विष्णु सिंह उपस्थित रहे।
बता दें कि मुख्यमंत्री के स्वागत कार्यक्रम में संत जगजीत सिंह को निर्मल अखाड़े के संम के रूप में खासी तवज्जो दी गयी थी।