कड़ाके की ठंड में जलधारा तपस्या, फूल गिरी महाराज बने श्रद्धा का केंद्र

विनोद धीमान
हरिद्वार।
धार्मिक आस्था, संयम और कठोर साधना का अद्भुत उदाहरण इन दिनों हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। लक्सर शिव चौक स्थित रुद्र महादेव शिव मंदिर में निवास कर रहे फूल गिरी महाराज कड़ाके की सर्दी के बीच जलधारा तपस्या में लीन हैं। उनकी यह तपस्या क्षेत्र में श्रद्धा और आस्था का विषय बनी हुई है।

फूल गिरी महाराज पानी से भरे गड्ढों से बहती निरंतर जलधारा के नीचे बैठकर कठोर साधना कर रहे हैं। इस अनोखी तपस्या को देखने और आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु लक्सर पहुंच रहे हैं।

महाराज ने बताया कि उनकी यह जलधारा तपस्या 51 दिनों तक चलेगी। इस दौरान प्रतिदिन तड़के सुबह सवा चार बजे वह जलधारा में साधना करते हैं। यह जलधारा कुल 151 पानी से भरे गड्ढों से होकर गुजरती है। तपस्या का समापन 51वें दिन एक विशाल भंडारे के आयोजन के साथ किया जाएगा।

फूल गिरी महाराज का कहना है कि उनकी यह तपस्या किसी व्यक्तिगत उद्देश्य के लिए नहीं है, बल्कि समाज की भलाई, प्राकृतिक संतुलन और मानव जीवन में सद्भाव स्थापित करने के लिए है। उन्होंने जल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जल ही जीवन का आधार है और हम सभी को इसके संरक्षण और सम्मान का संकल्प लेना चाहिए।

कड़ाके की ठंड में की जा रही यह तपस्या न केवल आध्यात्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि समाज को प्रकृति और जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने का भी संदेश दे रही है।

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