हरिद्वार। जिस उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद के निर्धारित अध्यायों में इण्टरमीडिएट और हाईस्कूल परीक्षा के लिए कोई परीक्षा कराने का उल्लेख वर्ष 2018 से ही न होने के बाद वर्ष 2020 में उसी परिषद से तहसील व ब्लॉक लक्सर के ग्राम लादपुर कला के ग्राम प्रधान शहजाद अली ने हाईस्कूल की मार्कसीट प्राप्त कर ली। उसी मार्कसीट को प्रस्तुत कर वह ग्राम प्रधान भी बन गए। सभी साक्ष्य सामने आने के बाद भी प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। जिससे प्रशासन की मंशा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक तहसील व ब्लॉक लक्सर के ग्राम लादपुर कला के प्रधान शहजाद अली ने चुनाव के दौरान अपने प्रपत्र में हाईस्कूल पास की उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की अंकतालिका प्रस्तुत की थी। जांच में अंक तालिका फर्जी पाये जाने के बाद शहजाद अली के खिलाफ प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
इस संबंध में इमरान पुत्र इस्लाम निवासी ग्राम लादपुर कला लक्सर ने सूचना के अधिकारी अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद कार्यालय से सूचना मांगी थी। अपने जवाब में परिषद द्वारा वर्ष 2020 में परीक्षा के लिए अनुमन्य बताया।
बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद के फर्जी बोर्ड चलाने वालों को एसटीएफ ने पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने 18 फरवरी 2018 को उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद नाम से फर्जी बोर्ड चलाने वाले संचालक समेत 7 लोगों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। यह गिरोह राजधानी के इंदिरा नगर से दो साल से फर्जी बोर्ड चला रहा था। इनका नेटवर्क यूपी के साथ बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक तक फैला था। जांच में पता चला था कि प्रदेश में 62 शिक्षण संस्थान इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त कर छात्रों को सर्टिफिकेट जारी कर रहे थे। संचालकों ने वेबसाइट मेनटेनेंस के लिए आईटी एक्सपर्ट भी नियुक्त कर रखा था। ऑनलाइन पेमेंट लेने के बाद छात्र-छात्राओं को मनमाना प्रमाणपत्र जारी कर देते थे।
वहीं उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद से ही ग्राम प्रधान शहजाद ने हाईस्कूल परीक्षा पास होना दर्शाया था। जिसका प्रमाणपत्र वर्ष 2020 में शहजाद को जारी किया गया, जबकि वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के लिए अध्याय 12 और 14 में कोई उल्लेख नहीं था। जब परिषद के निर्धारित अध्यायों में इण्टरमीडिएट और हाईस्कूल परीक्षा के लिए कोई उल्लेख ही नहीं था तो शहजाद अली को किस आधार पर हाईस्कूल का प्रमाणपत्र अप्रैल 2020 में जारी कर दिया गया। इस संबंध में जब डीपीआरओ अतुल प्रसाद से फोन से वार्ता की गयी तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।


