संत का चोला पहनकर अखाड़े में माफियाओं के प्रवेश करने का लगाया आरोप
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा उदासीन में असमाजिक तत्वों के प्रवेश के कारण अखाड़े में विघटन हो रहा है। अखाड़े की जमीन बेचने का अधिकार किसी को नहीं है। बावजूद इसके जमीनें बेची जा रही हैं। संत का चोला पहनकर माफिया अखाड़े में प्रवेश कर चुके हैं। जमीन बचाने की कोशिश करने पर माफिया परेशान करते हैं। इसी कारण से अब तब अखाड़े के लगभग 15 संतों की या तो हत्या की जा चुकी है या फिर वह लापता हैं। इन सब मामलों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जिससे दोषियों को बेनकाब कर अखाड़े की परम्परा और मर्यादा को बचाया जा सके। यह बात प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अखिल भारतीय उदासीन सम्प्रदायिक संघ लखनऊ के अध्यक्ष श्रीमहंत धमेन्द्र दास महाराज ने कही।
श्रीमहंत धर्मेन्द्र दास महाराज ने कहाकि उदासीन सम्प्रदाय के 15 के लगभग संत अभी तक लापता हुए हैं, जिनमें से कुछ की हत्या की जा चुकी है। उन्होंने कोठारी मोहन दास महाराज के लापता होने के मामले में हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश का स्वागत करते हुए शीघ्र जांच पूरी करने की मांग की। उन्होंने बताया कि कोठारी मोहन दास महाराज वर्ष 2017 में लापता हुए थे। जिनकी गुमशुदगी कनखल थाने में दर्ज हुई थी। जिसकी जांच में पुलिस ने माफियाओं के दबाव में आकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी। जिसकी फिर से श्रीमहंत सुखदेव मुनि महाराज ने रिट दायर की और कोर्ट ने 2023 में मामले की सीबीसीआईडी जांच के आदेश दिए।
सीबीसीआईडी के नाकाम रहने पर हाई कोर्ट ने मामले में 29 अक्टूबर 25 को सीबीआई जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहाकि पूर्व में जब मोहन दास महाराज के लापता होने के बाद सरकार द्वारा सीबीआई जांच की बात कही गयी थी, किन्तु उस समय अखाड़े के संतों ने जांच से मना कर दिया था। ऐसे में उनकी भी जांच होनी चाहिए।
श्रीमहंत धर्मेन्द्र दास महाराज ने कहाकि वर्ष 1980 में अखिल भारतीय उदासीन सम्प्रदायिक संघ लखनऊ के संस्थापक अध्यक्ष सोमवंश दास महाराज लखनऊ लापता हुए। उसके बाद वर्ष 1981 में ब्रह्मदास महाराज महमूदाबाद सीतापुर, यूपी, वर्ष 1996 में जीवन दास महाराज लखनऊ, 1999 में अवस्थी मुनि सुल्तानपुर, 2003 में जर्नादन दास सीतापुर व हरिदास हजाराबाग लखनऊ, 1996 में जनदास लखीमपुर खीरी, 2008 में धर्मदास सीतापुर, 2013 में तुरतमुनि हरिद्वार, दुग्नीदास 2009 सीतापुर, परमेश्वर दास लखनऊ, भारत दास 2013 काराबंकी, कौशलदास 2015 मऊ, मोहन दास 2017 हरिद्वार व बिहारी दास बाराबंकी 2021 में लापता हुए हैं।
बताया कि सोमवंश दास महाराज की हत्या की गयी। उनकी सिर कटी लाश मिली थी, जिसे लावारिस में फूंक दिया गया था। इसके बाद इसी संस्था के छह संतों की हत्या की जा चुकी है। जिसके बाद उनकी सम्पत्ति पर कब्जा कर लिया गया। जो उनका मुकदमा लड़ रहे हैं उन पर दबाव बनाया जा रहा है। या फिर वह गायब हैं।
उन्होंने बताया कि कोठारी मोहन दास उनके समर्थन में आए थे, जिसके बाद वह भी लापता हो गए। उन्होंने कहाकि इन सबके पीछे भूमाफियाओं की बड़ी भूमिका है। यदि इन सबकी सीबीआई जांच करायी जाए तो बड़े माफिया बेनकाब हो जाएंगे।
उन्होंने कहाकि मेरी भी हत्या का प्रयास किया जा रहा है। कभी भी अखाड़े में प्रवेश कर चुके संत का चोला ओढ़े माफिया उनकी हत्या करवा सकते हैं। कहाकि कुछ लोग ऐसे हैं जो इन सबको लेकर किसी वैधानिक संस्था में प्रार्थनापत्र देकर जांच की मांग नहीं करते, किन्तु आए दिन मीडिया में उनके बयान आते रहते हैं। क्यों ऐसे लोग जांच की मांग नहीं करते। कहाकि अखाड़े में प्रवेश कर चुके माफियाओं की व उन लोगों की भी जांच होनी चाहिए, जिन्होंने मोहन दास महाराज मामले में सीबीआई जांच कराने से इंकार किया था। कहाकि वह अखाड़े की परम्परा, मर्यादा और संतों की रक्षा के लिए आखिरी दम तक अपनी आवाज बुंलंद करते रहेंगे और माफियाओं को बेनकाब करके रहेंगें। प्रेस वार्ता में महंत सुखदेव मुनि व महंत अभिषेक मुनि मौजूद रहे।


