संस्था का पैसा भाई को देने से खफा दूसरा धड़ा, अपनो में भी असंतोष की ज्वाला रही धधक
हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार संत बाहुल्यनगरी है। यहां बड़ी संख्या में मठ-मंदिर, आश्रम-अखाड़े हैं। धार्मिक सम्पत्ति को लेकर विवाद भी यहां अधिक हैं। अधिकांश विवाद सम्पत्तियों पर कब्जे को लेकर हैं। इनमें भी कुछ में सफेदपोश तो अधिकांश में खुद भगवाधारी ही शामिल हैं। ऐसी ही एक धार्मिक सम्पत्ति पर कब्जे का ताना-बना बुना जाना शुरू हो गया है। इस सम्पत्ति पर पूर्व में भी कई बार कब्जे के प्रयास किए जा चुके हैं। किन्तु इस बार का कब्जे का प्रयास कुछ बड़ा ही होने का दावा किया जा रहा है।
सूत्रों की माने तो कनखल स्थित एक धार्मिक सम्पत्ति पर फिर से कब्जे का ताना-बना बुना जाने लगा है। पूर्व में भी सम्पत्ति पर कई बार कब्जे के प्रयास किए जा चुके हैं, किन्तु हर बार प्रयास निष्फल रहा। सूत्रों की मानें तो इस बार का प्रयास जबरदस्त होने की उम्मीद है।
वहीं सूत्र बताते हैं कि दूसरा पक्ष सम्पत्ति की लूट खसोट से अधिक परेशान हैं। बताया जाता है कि धार्मिक सम्पत्ति पर काबिज एक पदाधिकारी ने मठ की सम्पत्ति को अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। मठ के धन से पदाध्किारी ने अपने भाई के पंजाब के कपूरथला में एक फॉम हाऊस में बड़ा इन्वेस्टमेंट किया है, जिस कारण से दूसरा पक्ष खासा नाराज है। वहीं मठ के अन्य संतों को एक-एक कर ठिकाने लगाने से भी अन्य भगवाधारियों में असंतोष है और वह भी दूसरे गुट का अंदरखाने समर्थन करने पर विचार कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि यदि इस असंतोष को बढ़ने से रोका नहीं गया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। जबकि दूसरा पक्ष इस असंतोष को कम नहीं होने देने के लिए जी जान से जुटा हुआ है।
वहीं एक अन्य अखाड़े में महिलाओं के गर्भपात कराने के भी आरोप हैं। जबकि एक महिला के साथ शादी का वादा करने के बाद महंत के मुकर जाने से भी महिला आगबबूला है। इतना ही नहीं महिला ने महंत के परिजनों से भी शादी करने का प्रस्ताव रख बात की है। जिसमें महंत के परिजनों द्वारा महिला को यह कहकर अपना पीछा छुड़ा लिया गया की वह अब बड़ा हो गया है और हमारे से ज्यादा समझदार है। इस मामले में भी विवाद उभरकर शीघ्र ही सामने आ सकता है।