कुख्यात प्रवीण बाल्मीकि के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीनें बेचने का आरोप
हरिद्वार। फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन बेचने के आरोप में भाजपा पार्षद और उसके साथियों के खिलाफ एसटीएफ ने रूड़की गंगनहर थाने में मुकदमा दर्ज किया है। मामले में भाजपा पार्षद की गिरफ्तारी भी एसटीएफ द्वारा की गई है। आरोप है कि कुख्यात प्रवीण बाल्मीकि के साथ मिलकर पार्षन ने सुनहरा की एक महिला और उसके परिवार को डराया धमकाया और उसके नाम से फर्जी कागजात तैयार कर जमीन बेचने की साजिश की।
विदित हो कि इसका विरोध पीडि़ता रेखा के देवर कृष्ण गोपाल ने किया तो प्रवीण वाल्मीकि ने अपने शूटरो द्वारा सन 2018 में कृष्ण गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रेखा का भाई सुभाष मामले में पैरवी कर रहा था, उसके ऊपर सन 2019 में मनीष उर्फ बॉलर और उसके साथियों द्वारा जानलेवा हमला किया गया, जिसमें उसकी जान बच गई।
आरोप है कि इसके बाद पुनः रेखा से 5 लाख की फिरौती मांगने व फिरौती ना देने पर उसके व उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी दी गयी। वहीं एसटीएफ की जांच में यह भी आया कि जुलाई-अगस्त के अन्दर प्रवीण बाल्मिकी व मनीष उर्फ बॉलर के द्वारा अपने व्यक्तियों के माध्यम से रेखा पत्नी स्व. श्याम बिहारी व उसके बच्चों को लगातार धमकाया जा रहा है व जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
जांच में आये तथ्यों के आधार पर प्रवीण बाल्मिकी, मनीष उर्फ बॉलर, पंकज अस्टवाल, राजकुमार, अंकित, मोनिका व अन्य द्वारा उक्त सम्पत्ति को मूल सम्पत्ति स्वामिनी रेखा की फर्जी पावर ऑफ अटार्नी बनाकर निर्देश पत्नी रजनीश निवासी जमालपुर कलां थाना कनखल द्वारा पंकज अस्टवाल को दी गयी।
प्रकरण में आपराधिक गिरोह में सम्मिलित सदस्यों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120बी भारतीय दण्ड संहिता तथा धारा 111, 351, 352 भारतीय न्याय संहिता में मुकदमा पंजीकृत गंगनहर कोतवाली में किया गया। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी का कहना है कि एसटीएफ के पास पूरा मामला है। वहीं पूछताछ के लिए मनीष को देहरादून लेकर गए हैं।
वहीं मनीष बॉलर की गिरफ्तारी की खबर सुनकर बाल्मीकि समाज के लोग काफी संख्या में गंगनहर कोतवाली के बाहर एकत्र हो गए। बाल्मीकि समाज के लोगों ने नगर निगम कार्यालय रूड़की के बाहर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। वहीं कूड़ा वाहनों के चक्के जाम रहे। पुलिस एवं अन्य अधिकारियों ने उन्हें समझाकर शांत किया। निगम के सफाई कर्मियों ने गाडि़यों के चक्के जाम कर शहर की सफाई व्यवस्था भी ठप रखी। करीब डेढ़ घंटे तक प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान रास्ते से आवागमन भी पूरी तरह बाधित रहा। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप था कि इस प्रकार एक जनप्रतिनिधि के खिलाफ की गई कार्रवाई ठीक नहीं है। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाया और शांत किया। जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोग मौके से हटे।