हरिद्वार। गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत ने कहा है कि सरकारों की हठधर्मिता के चलते राजकीय पेंशनर्स का धैर्य अब जबाव देने लगा है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्दी ही मांगे नहीं मानी गई तो वरिष्ठ नागरिक श्रेणी के पेंशनर्स सड़कों पर दिखाई देंगे। सभी पेंशनर्स जल्दी ही प्रभावी आंदोलन करेंगे। श्री रावत पेंशनर्स को एकजुट करने और आंदोलन की तैयारी के लिए भ्रमण कार्यक्रम के तहत हरिद्वार पहुंचे।
राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित नगर के होटल में जीपीडब्लूओ के जिलाध्यक्ष बीपी चौहान की अध्यक्षता और महामंत्री जेपी चाहर के संचालन में कार्यकारिणी पदाधिकारियों की बैठक की गई। बैठक में केंद्र की भांति निःशुल्क चिकित्सा, राशिकरण कटौती अवधि कम करने, नॉशनल इंक्रीमेंट का लाभ सेवानिवृत्ति के दिन से देने, प्रत्येक पांच वर्ष पर 5 प्रतिशत पेंशन वृद्धि सहित आठवें वेतन आयोग का तत्काल गठन कर पेंशन निर्धारण पर पेंशनर संगठनों को शामिल करने, कोरोना काल का डी आर बहाल करने आदि मांगो पर एकमत होकर प्रदेश व्यापी आंदोलन का फैसला किया गया है।
इस अवसर पर महामंत्री जेपी चाहर ने सरकारों के सामने एक प्रश्न उछाला। चाहर ने चिंता जताई है कि राज्य सरकारें अपने कार्मिकों और पेंशनर्स के वेतन, पेंशन, भत्ते, डीए, डीआर, कम्यूटेशन, नेशनल इंक्रीमेंट आदि मामलों में केंद्र से समानता की बात करती हैं तो निःशुल्क व कैशलेश चिकित्सा का लाभ सीजीएचएस की समानता पर क्यों नहीं देती? उन्होंने चिंता जताई कि कैशलेश चिकित्सा के नाम पर अंशदान और फिर मूलभूत अधिकार से वंचित कर पेंशनर्स का उत्पीड़न और सामाजिक अपराध किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत ने स्थानीय जिला शाखा को मांगों पर प्रभावी प्रस्तुति तैयार करने का सुझाव दिया है ।
बैठक में वयोवृद्ध पेंशनर और प्रदेश महामंत्री रहे रामकुमार अग्रवाल को प्रांतीय संरक्षक मनोनीत किए जाने का पत्र श्री अग्रवाल को सौंपा। बैठक में जनपद संरक्षक वीके गुप्ता, प्रदेश संरक्षक आरके अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एलसी पाण्डेय, मार्गदर्शक रंजन कुमार जोशी, संयुक्त मंत्री स्वदेश सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष बीपी चौहान, महामंत्री जेपी चाहर ने विचार साझा किए।