हरिद्वार। श्री पंचदश नाम आवाहन अखाड़े के श्री महंत गोपाल गिरी महाराज ने कहा है कि उत्तराखंड और हरिद्वार में आपदा का कारण एक कालनेमी है। इस कालनेमि के कारण ही हरिद्वार और प्रदेश में आपदाएं आ रही है। श्रीमहंत गोपाल गिरी महाराज ने कहा कि इस कालनेमी जिसे भगवान दत्तात्रेय ने जूनागढ़ से उसके कारनामों की कारण बाहर फेंक दिया वह हरिद्वार में आ गिरा है, जिस कारण से आपदाएं आनी शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा कि एक लाल गिरी महाराज सिद्ध संत थे, जो मां चांदी के चरणों में शरण लिए हुए थे और वर्षों बाद भी कभी-कभी सत्पुरुषों को उनका दर्शन विभिन्न रूपों में हो जाता है।
उन्होंने कहा कि दत्त भगवान के द्वारा कालनेमि को गुजरात के जूनागढ़ से उत्तराखंड में फेंके जाने के कारण उत्तराखंड में आतंक मचा हुआ है। प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं, बाढ़, कंपन आदि विपदाएं सामने आ रही है। कहा कि कालनेमी के गुजरात से फेंके जाने के बाद से ही जल प्रलय आई। उन्होंने कहा कि गुजरात से कालनेमि का थोड़ा प्रभाव भले ही काम हो गया हो, किंतु इसके कारण उत्तराखंड भयानक विपत्ति का सामना कर रहा है। इसके साथ ही इस कॉलोनी का आतंक हिमाचल, जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, आसाम, नेपाल में भी है, जहां इस एक रक्तबीज रूपी कालनेमि ने सैकड़ो कालनेमी बनकर बैठा रखे हैं। जब तक इस विपदा रूपी कालनेमी का इलाज नहीं होता तब तक विपदाएं शांत होने वाली नहीं है।