इंकार करने पर दोनों के बीच टकराव की प्रबल संभावना
हरिद्वार। एक अखाड़े की सम्पत्ति पर जबरन काबिज एक मठाधीश द्वारा अखाड़े की सम्पत्ति को खाली करने से दो टूक इंकार कर दिए जाने के बाद से दोनों के बीच टकराव की संभावना प्रबल हो गयी है। इस मामले में दोनों ही पक्ष पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। यदि ऐसा होता है तो दबंग मठाधीश पर अखाड़ा भारी पड़ेगा।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक अखाड़े के पदाधिकारी गुरु पूर्णिमा से पूर्व तीर्थनगरी हरिद्वार पहुंचे थे। गुरु पूर्णिमा के दिन अखाड़े का एक संत हरिद्वार के दबंग मठाधीश के यहां पहुंचा और उसने अखाड़े की सम्पत्ति पर काबिज मठाधीश से सम्पत्ति खाली करने के लिए कहा, जिस पर मठाधीश ने अखाड़े के साधु से दो टूक कहा कि वह किसी भी कीमत पर सम्पत्ति से कब्जा नहीं छोडं़ेगे।
मठाधीश के इस दो टूक जवाब के बाद अखाड़े के संतों में विमर्श हुआ। जिसके बाद पुनः मठाधीश को सम्पत्ति से कब्जा खाली करने के लिए कहा, किन्तु एक बार फिर मठाधीश ने दो टूक जवाब दे दिया। जिससे अखाड़े के संतों का पारा सातवें आसमान पर है और वह किसी भी कीमत पर मठाधीश को अखाड़े की सम्पत्ति से खदेड़ने का खाका तैयार कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक यदि मठाधीश राजी से कब्जा छोड़ देता है तो सहीं वरना साम, दाम, दण्ड व भेद की नीति से सम्पत्ति को खाली कराने की रणनीति अमल में लायी जाएगी।
यहां मजेदार बात यह कि यदि विवाद बढ़ता है तो कई महंत व श्रीमहंतों का भी जेल की काल कोठरी में जाना तय है। कारण की बिना मालिक कुछ मठाधीशों ने सम्पत्ति का स्वामी मठाधीश को बनाया हुआ है। ऐसे में मामला कोर्ट में जाने पर कानून के हाथ धोखाधड़ी में मठाधीशों की गर्दन तक पहुंच सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि यदि मठाधीश ने पैतरेबाजी दिखायी तो कुंभ में पेशवाई के स्थान पर मठाधीश का ही जुलूस निकालकर उसके काले कारनामों का चिट्ठा खोला जाएगा।
बहरहाल मठाधीश ने दो टूक सम्पत्ति खाली न करने का ऐलान कर दिया है, जबकि अखाड़ा किसी भी कीमत पर सम्पत्ति खाली कराने का मन बना चुका है। ऐसे में दोनों के बीच टकराव की संभावना प्रबल हो गयी है। यदि ऐसा होता है तो इस बार मठाधीश पर इस जंग में अखाड़ा भारी पड़ेगा। कारण की मठाधीश के कई कारनामे अखाड़े के संतों के पास मौजूद हैं।
सूत्र बताते हैं कि कई सम्पत्तियों पर अखाड़ा कब्जा ले भी चुका है। अब हरिद्वार की सम्पत्तियों को अखाड़ा खाली करवाने की तैयारी में है। वैसे मठाधीश के कई मामले सम्पत्ति कब्जाने और बेचने को लेकर चर्चाओं में रहे हैं।