विनोद धीमान
हरिद्वार। कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत एक महिला को दहेज की मांग पूरी न करने पर न केवल उसके पति और ससुरालजनों ने मारपीट कर घर से निकाल दिया, बल्कि मंगलवार को उसे कमरे में बंद कर बंधक बनाकर पीटा गया और पति ने परिजनों के सामने तीन तलाक देकर रिश्ता तोड़ दिया। पीड़िता के चाचा ने कोतवाली पहुंचकर पूरे मामले की लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत सुल्तानपुर आदमपुर निवासी अब्दुस सत्तार ने बताया कि उनके भाई जफर जो एक विकलांग व्यक्ति है, की बेटी यासमीन की शादी 22 अप्रैल 2024 को मुस्लिम रीति-रिवाज से गुलरेज पुत्र अहसान निवासी वार्ड-08 लक्सर से हुई थी। शादी में घरेलू सामान, सोने-चांदी के जेवर, उपहार स्वरूप सात लाख रुपया (कार के लिए) समेत कुल 28 लाख रुपये से अधिक खर्च किया गया था।
आरोप है कि शादी के बाद से ही यासमीन के ससुराल वाले 15 लाख रुपये की अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगे। उसके ससुर अहसान, सास साइस्ता, पति गुलरेज, देवर दानिश, ननद सानिया व शमा सहित कई रिश्तेदारों द्वारा उसे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया गया।
फरवरी 2025 में यासमीन ने एक बेटी को जन्म दिया, जिससे ससुरालवालों का रवैया और भी खराब हो गया। पीड़िता के चाचा ने पुलिस को बताया कि मार्च में उसे मारपीट कर ससुराल से निकाल दिया गया था। कुछ समाजसेवियों के हस्तक्षेप के बाद उसे दोबारा भेजा गया, लेकिन मंगलवार को हालात और बिगड़ गए। पीड़िता के चाचा अब्दुस सत्तार के अनुसार, दोपहर करीब 3 बजे यासमीन को उसके पति गुलरेज ने परिजनों के कहने पर तीन बार “तलाक-तलाक-तलाक” कहकर तलाक दे दिया। इससे पहले सभी आरोपियों ने मिलकर उसके साथ जमकर मारपीट की और उसे कमरे में बंद कर बंधक बना लिया।
अब्दुस सत्तार ने कोतवाली लक्सर में तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है पीड़ित महिला के पति को गिरफ्तार कर लिया गया है, मामले की जांच की जा रही है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
“मैंने सिर्फ अपने हक की बात की थी, सजा में मुझे तलाक मिला” — यासमीन
“मैंने सिर्फ यही कहा था कि अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) आ गया है, हम अपना विवाह पंजीकरण करा लेते हैं। लेकिन मेरे इस एक वाक्य ने मेरी ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी।”
ये कहना है यासमीन का, जिसकी शादी 22 अप्रैल 2024 को लक्सर निवासी गुलरेज से हुई थी। महज कुछ महीने पहले तक जो रिश्ता प्यार और भरोसे पर टिका होना चाहिए था, वह अब अपमान, मारपीट और तीन तलाक में तब्दील हो चुका है।
“कानून का नाम लेते ही भड़क गया”
यासमीन बताती है कि जब उसने पति से विवाह पंजीकरण की बात की तो वह गुस्से में आ गया। “मुझे कहा गया कि तू मुझे कानून मत सिखा। मैं ₹50000 कमाने वाला, मैं तुझे छोड़ना चाहता हूं मैं सरकार के बंधन में नहीं बंधना चाहता और फिर गालियां देते हुए मुझे पीटना शुरू कर दिया और कहा एक तो तूने बेटी को जन्म दिया और दहेज में कार भी नहीं लाई और तीन बार तलाक तलाक तलाक कहकर घर से निकाल दिया।”
“बेटी को जन्म देना भी मेरी गलती बना दिया गया”
फरवरी 2025 में यासमीन ने एक बेटी को जन्म दिया। लेकिन बेटी होना जैसे ससुराल वालों के लिए कोई अपराध बन गया। “मुझे रोज़ ताने दिए जाते — पहले ही लड़कियों से घर भरा है, अब तू एक और ले आई।”
“15 जुलाई को बंद कमरे में मुझे मारा गया”
यासमीन के अनुसार, 15 जुलाई की दोपहर करीब तीन बजे उसके पति गुलरेज और परिवार के अन्य सदस्यों ने उसे कमरे में बंद कर दिया और बुरी तरह पीटा। फिर गुलरेज ने सबके सामने तीन बार “तलाक-तलाक-तलाक” कहकर उसे रिश्ता खत्म करने का ऐलान कर दिया।
“देवर की नजरें और धमकियां”
यासमीन का कहना है कि उसका देवर दानिश भी उसे गलत नजरों से देखता था। कई बार वह उसे अकेले में छूने की कोशिश करता था। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी।
“28 लाख खर्च के बाद भी दहेज की मांग”
पीड़िता के चाचा अब्दुस सत्तार बताते हैं कि शादी में करीब 28 लाख रुपये खर्च हुए थे। जेवर, घरेलू सामान और एक कार के लिए सात लाख रुपए की रकम तक दी गई थी। इसके बावजूद ससुराल वाले 15 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग कर रहे थे।
“अब न्याय की आस है”
अपनी बेटी को गोद में लिए यासमीन कहती है, “मैंने सिर्फ अपने हक की बात की थी, बदले में मुझे अपमान, दर्द और तन्हाई मिली। अब मुझे कानून से उम्मीद है कि मुझे इंसाफ मिलेगा।”
कोतवाली पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।