रणनीति का पता चलने के बाद लिफाफा संस्कृति का सहारा लेने की चर्चा
हरिद्वार। आगामी 25 अक्टूबर को होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के निरस्त होने की पूर्ण संभावना है। सूत्र बताते हैं कि परिषद में शामिल आठ अखाड़ों ने बैठक के वहिष्कार का मन बना लिया है। जिस कारण से अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल लोगों के मंसूबों पर पानी फिर सकता है। सूत्र बताते कि आठ अखाड़ों के एकजुट होने की खबर लगने के बाद से उन्हें मनाने और धन बल का लालच देने का सिलसिला भी आरम्भ हो गया है।
बता दें कि 25 अक्टूबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक प्रस्तावित है। जिसमें परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की मौत के बाद रिक्त हुए पद पर नए अध्यक्ष का ऐलान किया जाना था। जिसके लिए अध्यक्ष बनने की लालसा पाले कुछ संत जोड़तोड़ में लगे हुए थे। वहीं कुछ पदाधिकारी भी एक संत को अध्यक्ष बनाने की हामी भर चुके थे और उनके पक्ष में माहौल बनाने में सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे थे। इस कारण तथा बैठक में बैरागी संतों को बाहर रखने के कारण भी अन्य अखाड़ों के संतों में नाराजगी उत्पन्न हो गयी थी। वहीं कुछ अखाड़ों के संत इस बात से भी नाराज थे कि एक ही व्यक्ति 17 वर्षों से एक पद पर क्यों बना हुआ है। समाज में अन्य बुद्धिजीवी संत भी है। अब अध्यक्ष पद पर भी जोड़तोड़ शुरू कर दिए जाने के कारण संतों में खासी नाराजगी थी। सूत्र बताते हैं कि जिस कारण से आठ अखाड़े एकजुट हो गए हैं और उन्होंने बैठक के वहिष्कार का मन बना लिया है। जिस कारण से परिषद की बैठक निरस्त होने की पूर्ण संभावना है। साथ ही अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल संत और उनके समर्थन में भागदौड़ करने वालों में मंसूबों पर पानी फिर सकता है। सूत्र बताते हैं कि इस सब की भनक लगने के बाद अब लिफाफा संस्कृति का सहारा लिया जाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अब आठ में जो भी खिसका तो इसका मतलब स्पष्ट है की लिफाफा उसकी जेब में चला गया।


बिग ब्रेकिंगः बैठक से पूर्व अखाड़ा परिषद में महाभारत, परिषद के खिलाफ आठ अखाड़े हुए एकजुट!
