देहरादून। कैलेंडर नव वर्ष के उपलक्ष्य में देहरादून स्थित जंगम शिवालय में भगवान जंगमेश्वर का विशेष श्रृंगार व पूजन किया गया। मंदिर के परमाध्यक्ष श्री महंत स्वामी कृष्णागिरी महाराज के सानिध्य में आयोजित आंग्ल नव वर्ष पर आयोजित पूजन समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन देते हुए श्री महंत कृष्णागिरी महाराज ने कहा कि सनातन शास्त्रों के मुताबिक नव वर्ष का आगमन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन होता है, जबकि आंग्ल भाषा का नव वर्ष 1 जनवरी कैलेंडर वर्ष के हिसाब से होता है। उन्होंने कहा कि दोनों नव वर्षों के उल्लास व उमंग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आंग्ल भाषा के नव वर्ष में भीषण सर्दी में सभी मुरझाए रहते हैं। सर्दी के कारण मनुष्य, पशु, पक्षी यहां तक की वृक्षों में भी रौनक नहीं होती, जबकि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होने वाले नव वर्ष में धरा खिलखिला कर हंसती हुई नजर आती है। चारों ओर उल्लास ही उल्लास नजर आता है। पृथ्वी विभिन्न प्रकार के पुष्पों से अपना श्रंगार करती नजर आती है। उन्होंने कहा की यह हर्ष का विषय यह है कि अब युवा पीढ़ी कैलेंडर नव वर्ष पर देवालयों में जाना अधिक पसंद करने लगी है। यही कारण है कि आज देवालयों में श्रद्धालुओं खासकर युवाओं की अधिक भीड़ देखने को मिली।
उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति को आत्मसात करते हुए हमारे ऋषि मुनियों की चली आ रही करोड़ों वर्ष पुरातन परंपरा को अपनाकर अपने गौरवशाली इतिहास को जानना चाहिए, तभी हम वास्तविक रूप से उन्नति कर सकते हैं। इस अवसर पर भगवान जंगमेश्वर का श्रृंगार, आरती, पूजन किया गया। भगवान को 56 भोग अर्पित किए गए।
इस अवसर पर श्री मंहत कृष्णागिरी महाराज, दिगंबर रवि गिरी महाराज व अभिषेक गुप्ता, आदित्य, आशुतोष, गोपाल भक्तजन उपस्थित रहे।