श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण की धर्मध्वजा हुई स्थापित

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की आज प्रयागराज स्थित मेला छावनी में वैदिक विधि विधान के साथ धर्मध्वजा स्थापित हो गई। पंचों, श्रीमहंतों व संतों की उपस्थिति में धर्मध्वजा स्थापना हुई। इस अवसर पर संतों ने हर-हर महादेव का जय घोष पर सनातन की रक्षा का संकल्प लिया। प्रयागराज स्थित मेला छावनी में रविवार को विधिवत धर्मध्वजा की स्थापना की गई। आचार्य ने ध्वजा पूजन करवाया।


इस अवसर पर अखाड़े के श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व जमुना पुरी महाराज ने कहाकि सनातन धर्म में धर्मध्वजा का खासा महत्व है। ध्वजा का अखाड़ों में विशेष महत्व है। जहां ध्वजा अखाड़े की आन, बान, शान का प्रतीक है वहीं इनमें बंधी 52 गांठे अखाड़े की 51 मढि़यों और 52 वीं गांठ तिब्बत स्थित लामा मढ़ी की प्रतीक होती है। वहीं 52 शक्तिपीठों का भी 52 गांठे प्रतीक मानी जाती हैं।

उन्होंने बताया कि आज सभी अखाड़ों के संतों की मौजूदगी में धर्मध्वजा की स्थापना की गई, जबकि 2 जनवरी को अखाड़े की पेशवाई निकाली जाएगी। उन्होंने सनातन धर्माम्वलिम्बयों से कुंभ मेले में आकर पुण्य लाभ लेने की अपील की।


इस अवसर पर इस अवसर पर श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज, श्रीमहंत कृष्णा गिरि महाराज, श्रीमहंत देवगिरि महाराज, श्रीमहंत कमल पुरी महाराज, श्रीमहंत जमुना पुरी महाराज, श्रीमहंत महेश गिरि महाराज, श्रीमहंत रामेन्द्र पुरी महाराज, श्रीमहंत विश्वनाथ पुरी महाराज, श्रीमहंत शिवनारायण पुरी महाराज, श्रीमहंत अखिलेश भारती, निर्भय गिरि, दिगम्बर भरत गिरि महाराज, दिगम्बर रवि गिरि महाराज, किशन पुरी महाराज, उदासीन बड़े अखाड़े के श्रीमहंत दुर्गादास महाराज, अद्वेतदास महाराज समेत कई अखाड़ों के अनेक संत, श्रीमहंत मौजूद रहे।

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