हरिद्वार। मेयर के चुनाव के लिए भाजपा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री के लगभग एक दर्जन प्रत्याशियों जिनके कुछ के तो वार्ड से भी जीतने की क्षमता नहीं है की दावेदारी से उलझन में फंसे विधायक जी ने एक ही दाव में अपने सभी मेयर बनने वाले कमांडरों को चारों खाने चित कर दिया है। हरिद्वार मेयर सीट आरक्षित करवा कर उन्होंने अपने सभी अति महत्वाकांक्षी कमांडो को फिलहाल 5 साल तक झंडा उठाने और जिंदाबाद व मुर्दाबाद की राजनीति तक सीमित कर दिया है।
हरिद्वार में मेयर की सीट को महिला ओबीसी के लिए आरक्षित करने की घोषणा के बाद से सभी राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ने के उम्मीदवार इस सदमे से उभर नहीं पा रहे हैं। जो नेताजी विभिन्न समारोह में मुख्य अतिथि उद्घाटन करता, पुरस्कार वितरण अतिथि बनकर अपने काले पीले धन की थैलियां खोलकर खुले मन से धन वर्षा में लगे थे, वह सीट आरक्षण के सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।
यह सभी विभिन्न दलों के नेता उस दिन से अपने-अपने घरों में अपनी चोटों को सहला रहे हैं। सीट के आरक्षित होने से शहर में राजनीतिक गतिविधियां भी फिलहाल शांत हैं। लेकिन अंदर खाने अपनी ही पार्टी के अन्य दावेदारों की कुण्डलिया बांची जा रही हैं।
कांग्रेस व भाजपा में पैराशूट प्रत्याशियों को उतरने की भी काफी चर्चा है। ऐसी स्थिति में आम आदमी पार्टी के काफी पहले से ही सक्रिय इंजीनियर संजय सैनी जो कि ओबीसी से आते हैं काफी संतुष्ट हैं। उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती चित्रा सैनी को मेयर प्रत्याशी की घोषणा हाई कमान से करवा दी है। हालांकि आम आदमी पार्टी का हरिद्वार में जनाधार कुछ कम है, परंतु कांग्रेस व भाजपा में सीट आरक्षित के बाद भीतरी घात और पैराशूट प्रत्याशियों की चर्चाओं से आम आदमी पार्टी को एक नई ताकत मिलती नजर आ रही है। अन्य दलों के पुरोधाओं का मौन भी बहुत कुछ कह रहा है।
कांग्रेस के मनोज सैनी जो स्वयं उम्मीदवारी में अग्रिम पंक्ति में थे वह अब अपनी पत्नी को प्रत्याशी बनाने की तैयारी में लग गए हैं। कॉरिडोर के मुद्दे पर व्यापारियों की आवाज बुलंद करने में जुटे मनोज सैनी का व्यापारी वर्ग में भी खासा समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। भाजपा की इस नेत्री श्रीमती आरती नैयर का नाम तेजी से उभरा था, लेकिन उन्होंने पत्रकारों से साफ कह दिया है कि उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। अब बीजेपी के अलग-अलग धड़े महिला ओबीसी प्रत्याशी की तलाश में जुटे हैं। हरिद्वार मेयर सीट के आरक्षित होने से सारे समीकरण गड़बड़ा गए हैं। ऋषिकेश तीर्थ स्थान से नगर पालिका अध्यक्ष की सीट महिला (अनुसूचित) हरिद्वार मेयर सीट महिला ओबीसी तथा रुड़की नगरपालिका से अध्यक्ष सीट महिला आरक्षित करना किसी की समझ नहीं आ रहा। वहीं भाजपा में पहले से ही चल रही धड़ेबाजी अब किस मुकाम पर जाएगी यह भविष्य के गर्भ मे जुटा है।
डॉ रमेश खन्ना
वरिष्ठ पत्रकार