हरिद्वार। प्रयागराज स्थित बाघम्बरी गद्दी पर बलवीर पुरी का पट्टाभिषेक होने के बाद भी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आलम यह है कि अब जुतों मंे दाल बटने जैसी नौबत आने लगी है। जिसके चलते विवाद और गहरा सकता है।
बता दें कि बाघम्बरी गद्दी के श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद उनका उत्तराधिकारी बनाए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। दो-दो वसीयतें सामने आने के बाद आखिरकार श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के पंचों ने बाघम्बरी गद्दी पर बलवीर पुरी की जातपोशी कर दी। जिसमें पंचों ने यह शर्त रखी थी कि गद्दी सौंपने के साथ एक पांच सदस्यीय एडवाईजरी कमेटी बनायी जाएगी जो मठ की सम्पत्ति खुर्दबुर्द न हो और अन्य बातों पर अपनी समय-समय पर राय देगी। इस एडवाईजरी कमेटी में नरेन्द्र गिरि के गुरु हरगोविन्द पुरी, रामरतन गिरि, ओमकार गिरि, दिनेश गिरि केशव पुरी को शामिल किया था।
अखाड़ा सूत्रों के मुताबिक पट्टाभिषेक होने के बाद जब पंचों में से कुछ संतों ने बलवीर पुरी से एडवाईजरी कमेटी की लिखी शर्तों पर हस्ताक्षर करने को कहा तो उन्होंने तत्काल हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद सूत्र बताते हैं कि पंचों और कुछ अन्य संतों का पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। सूत्र बताते हैं कि एडवाईजरी कमेटी के सदस्य दिनेश गिरि की तो बलवीर पुरी के साथ इस मामले को लेकर तू-तू, मैं-मैं भी हुई। अचानक बलवीर पुरी के रंग बदलने से पंच भी सकते में बताए गए हैं।
बता दें कि यह वही बलपीर पुरी हैं जिन्होंने नरेन्द्र गिरि की मृत्यु के तत्काल बाद मीडिया द्वारा पूछे जाने पर गद्दी को सहर्ष स्वीकार कर संचालन करने की बात कही थी। कानूनी शिंकजा कसता हुआ देख अगले दिन ही बलवीर पुरी ने अपना बयान बदलते हुए कहा था कि जो भी पंच परमेश्वर निर्णय लेगें वहीं उत्तराधिकारी बनेगा, किन्तु पट्टाभिषेक होने के तत्काल बाद बलवीर पुरी ने पंचों को उनकी हैसियत का आभास करा दिया। सूत्र बताते हैं कि अखाड़े के एक बड़े संत बलवीर पुरी को लेकर न्यायालय का शीघ्र ही दरवाजा खटखटा सकते हैं। वे न्यायालय में बाघम्बरी के पूर्व श्रीमहंत बलदेव गिरि की वसीयत जिसमें उन्होंने मठ को अखाड़े की सम्पत्ति घोषित किया था, को आधार बनाकर बलवीर पुरी के उत्तराधिकारी होने को चैलेंज करेंगे। अब समय ही बताएगा की बाघम्बरी का विवाद शांत हो पाता है या फिर ये और अधिक बढ़ेगा। कारण एक संत मदन मोहन गिरि पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में बलवीर पुरी के उत्तराधिकारी होने को चैलेंज कर चुके हैंं।


बाघम्बरी गद्दीः जूतों में बंटनी शुरू हुई दाल


