वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के प्रस्ताव को मंजूरी दी
हरिद्वार। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पूर्व राष्ट्रपति के नेतृत्व वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर मार्च 2024 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस लेकर अब देश में राजनीति गरम चुकी है। कांग्रेस ने इसे मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला फैसला बताया।
इस रिपोर्ट में पहले फेज में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने की बात कही गई। इसमें आगे यह सिफारिश की गई है कि लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ पूरा होने के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी कराए जाएं। समिति की सिफारिश में कहा गया, पूरे देश में मतदाताओं के लिए एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए. सभी के लिए एक जैसा वोटर कार्ड होना चाहिए।
इसको लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता व लक्सर के पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे देश में उठाया गया सबसे बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहाकि वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव से देश में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। चुनावों में खर्च होने वाले लाखों-करोड़ों रुपयों की इससे बचत होगी। चुनावों में आए दिन खर्च होने वाला धन देश के विकास के कार्य में लगेगा।
संजय गुप्ता ने कहाकि प्रतिवर्ष देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं। इससे सरकारी तंत्र भी प्रभावित होता है और धन का खर्च भी अधिक होता है। चुनावों के कारण लगने वाली आचार संहिता के कारण विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं। उन्होंने विपक्ष के इस मुद्दे पर हो हल्ला करने को उनकी हताशा बताया। उन्होंने कहाकि केन्द्र सरकार का यह निर्णय नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरगामी सोच के कारण भारत पुनः विश्व गुरु के पद पर आसीन होगा।


