हरिद्वार। त्याग का ड़ोंग करने वाले कथित भगवाधारी पूरी तरह से विलासी जीवन जी रहे हैं। आलीशान मकान के साथ महंगे कपड़े, स्वर्ण जटित मालाएं और जेवरात इनका शौक हैं। अब कथित भगवाधारी करीब 12 करोड़ मूल्य की आर कार खरीदने की तैयारी में हैं।
अखाड़ा सूत्रों के मूताबिक एक अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर ने 12 करोड़ मूल्य की आर कार बुक करायी है। बताया गया कि करीब 5 माह बाद कार की डिलीवरी हो जाएगी। दिल्ली में महाशय ने एक करोड़ रुपये पेशगी देकर कार को बुक कराया है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूसरों को त्याग का उपदेश देने वाली कितने त्यागी और विलासी हैं।
मजेदार बात यह की इन कथित आचार्य मण्डलेश्वर की अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी और हॉस्पिटल भी संचालित है। विडम्बना है कि आम आदमी को 1 लाख रुपये का सामान खरीदने पर भी सरकार को हिसाब देना पड़ता है, किन्तु कथित भगवाधारी करोड़ों का सामान खरीदते हैं और विलासिता पर करोड़ों खर्च करते हैं, उनसे हिसाब तक नहीं मांगा जाता। आखिर बिना काम धंधा किए इन पर इतनी अकूत सम्पत्ति कहां से आती है।
खैर दोष इनका भी नहीं कहा जा सकता। मानस में तुलसी दास जी ने सही लिखा है…तपसी धनवंत दरिद्र गृही, कलि कौतुक तात न जात कही। वर्तमान में सही साबित हो रहा है।
कथित भगवाधारी बिना काम किए मजे लूट रहे हैं और सदगृहस्थ दिन-रात मेहनत करने के बाद भी दो जून की रोटी को तरस रहा है। वैसे सरकारों की भी ऐसे लोगों पर विशेष मेहरबानी कही जा सकती है, जिनकी अपराधो में शामिल होने के बाद भी जांच तक नहीं होती।


