केदारनाथ सोना विवाद बढ़ता ही जा रहा है। जहां स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सोना विवाद को लेकर दिए गए अपने बयान से पलट गए हैं, वही बीकेटीसी इस मामले में अब हमलावर हो गई गई। आरोपों का जवाब देने के लिए के बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) बड़ा कदम उठाने जा रही है। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने एक बार फिर साफ किया है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए 230 किलो सोने का नहीं, बल्कि 23 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ था, जिसके साक्ष्य भी वो जल्द ही जारी करने वाले है।
उधर स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को इस मामले में दिए बयान से पलटने पर उन्हें झूठा करार दिया है।
इस संबंध में स्वामी गोविंदानंद महाराज ने एक वीडियो भी भेजा है, जिसमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपने बयान का आरोप मीडिया पर लगा रहें हैं। स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को सबसे बड़ा झूठा एवं छल -कपट व डोंगी बाबा बताया हैI दुनिया के सामने एक बार फिर से साबित हो गया कि पहले अविमुक्तेश्वरानंद ने यह दावा किया कि केदारनाथ जी मंदिर में 228 किलो सोना गायब हो गयाI
अब वह अपने ही प्रश्न से पलट गए। मीडिया के द्वारा साक्ष्य मांगे गए तो वह कोई समाधान नहीं दे पाए, जबकि अपने बयान को दोषी मीडिया को ही बताने लगे हैं।
उनका कहना है की 228 किलो सोना चोरी होने की सूचनाएं मुझे मीडिया से मिलीI मेंने इस खबर अखबार में पढ़ाI हमारी कोई गलती नहीं अखबार वालों की गलती हैI कहा कि इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के ऊपर तत्काल एफआईआर दर्ज कर इनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए I
केदारनाथ मन्दिर समिति को अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए ऐसे पाखंडी व्यक्ती पर कार्यवाही करनी चाहिएI उत्तराखंड सरकार का भी दायित्व होता है कि इस तरह झूठ का प्रसार करने वाले एवं लोगो में भ्रामकता फैलाने वाले व्यक्ती पर कड़ी कार्यवाही करे।
उन्होंने कहा कि संत समाज के द्वारा भी ऐसे व्यक्ती का वहिष्कार होना चाहिए, जो सन्यासी पद की गरिमा का उल्लंघन कर उसकी छवि को धूमिल कर रहा हैंI