जानिए, शरीर के दर्दं, शरीर में कहीं भी गाँठें, जोडों के रोग व पिंडलियों के दर्द के लिए आयुर्वेदिक लेप

शरीर के दर्दं, शरीर में कहीं भी गाँठें हो, जोडों के रोग व पिड्लियंांे के दर्द को आयुर्वेदिक लेप के द्वारा आसानी से निजात पाई जा सकती है। जितनी जगह पर लेप लगाना चाहते हैं, उतनी जगह के लिये एलोवेरा के पत्ते लें उनके ऊपर का हरा भाग उतार दें। अंदर से गुद्दा निकलेगा। गुद्दे को मिक्सी में डाल दें या मसाले बारीक करने वाली हाथ से चलने वाली मशीन से पानी बना लें। इस एलोवेरा के बने पानी को कड़ाही में डाल दें उसमें अंदाजे से हल्दी डाल लें।


अगर दर्द और गाँठें बहुत ज्यादा हैं तो जितनी हल्दी ली है उससे आधी मात्रा में राई को पीस कर लें, सबको मिलाकर धीमी आग पर पकाते हुए गाढ़ा-गाढ़ा लेप सा बना लें। ये गाढ़ा ही रहता हैं। बस ये ध्यान रखें कि राई और एलोवेरा एक जान हो जायें, अगर बीच में सूखने सा लगे तो पानी का हल्का छींटा सा मार सकते हैं। मगर पानी ज्यादा मिलाना नही हैं, सिर्फ छींटा ही मारें।

सावधानियां
राई मिला लेप सुबह के टाईम हो लगाना हैं। इससे बहुत जलन भी होती हैं। रात को अगर लगायेंगे तो नींद में बाधा पड़ेगी।
एक बार सुबह राई मिला लेप लगाने पर फिर केवल हल्दी और एलोवेरा का लेप लगाते रहें जब तक लाभ ना मिले।
ये केवल गाँठें खोरता हैं, नाडियों की ब्लॉक्स खोलता हैं, ये फिर नहीं होंगी। इसमें इस लेप से कोई लाभ नही मिलता उसके लिये साथ में अन्य आयुर्वेदिक दवाएँ खाने के लिये प्रयोग करें। अगर आपको अंग पर साथ में सूजन लगे तो साथ में हल्दी के समान पुनर्वा छाल भी मिक्स कर सकते हैं।


लेप गुनगुना ही लगायें। ऊपर रूई रख कर हल्का बाँध दें।
जब लेप लगा हो घूमना नही हैं। ये गिर जायेगा। 2 घंटे बाद उतार सकते हैं। सारी रात भी लगा सकते हैं ।
इस दौरान कूलर, एसी का प्रयोग ना करें इससे रोग और ज्यादा बढ़ जायेगा।
अगर इनको नही छोड़ सकते तो ये लेप का प्रयोग ना करें।
इस लेप का प्रयोग किसी भी अंग पर किसी भी आयु वाला लगा सकता हैं। राई वाला लेप बच्चे, बूढे, कमजोर रोगी ना लगायंे।
35 साल के ऊपर वाले ही प्रयोग करें।

Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com
9897902760

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