संतों की एक ही पार्टी सनातन, संत उसी के लिए जीता है और उसी के लिए मरता हैः रविन्द्र पुरी

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहाकि साधु आज अपनी मर्यादा को खोते जा रहे हैं। साधुओं को अपनी मर्यादा के बीच रहना चाहिए। संतों की केवल एक ही पार्टी होती है, वह है सनातन। साधु सनातन के लिए जीता है और सनातन के लिए ही कर्म करता है और सनातन के लिए ही प्राण त्यागता है।


उक्त बात उन्होंने गुरुवार को श्री चेतन ज्योति आश्रम में स्वामी वागीश्वरानंद महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में बोलते हुए कही।


उन्होंने कहाकि आज संत नेताओं को अपने पास बैठाकर अपने को बड़ा समझते हैं। नेता तो पार्टी बदलते रहते हैं, किन्तु संतों की एक ही पार्टी होती है, वह है सनातन। संत मन, कर्म व वचन से सनातन का ही होता है। वह जीता भी सनातन के लिए है और कर्म भी सनातन के लिए करता है तथा मरता भी सनातन के लिए है। ऐसे में संतों को अपनी मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहाकि सभी दलों के नेता संतों के पास आते हैं। संतों के लिए सभी समान है। क्यों की जहां समानता होती है, वहीं संन्यास है। इस कारण से संतों को अपनी मर्यादा का ध्यान रखते हुए व्यवहार करना चाहिए।

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