हरिद्वार। सरस्वती आश्रम कनखल के परमाध्यक्ष स्वामी महेश्वरानन्द सरस्वती महाराज ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर सत्य की आवाज उठाने वाले स्वामी धर्मदत्त महाराज को मिली धमकी के बाद अनहोनी की चिंता जताते हुए इस संबंध में जांच की मांग की है। स्वामी महेशानंद सरस्वती महाराज ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र की प्रतिलिपी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार, थानाध्यक्ष कनखल, अध्यक्ष व सचिव अखाडा परिषद तथा मुख्यमंत्री को भी भेजी है।
पत्र में स्वामी महेशानंद ने कहाकि स्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज के द्वारा 04 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस प्रयागराज में आयोजित की गयी थी, जिसके माध्यम से एक सच्चाई को उजागर करने का प्रयास किया था, जिसके फलस्वरूप स्वामी जी को जान से मारने की धमकी आयी।
कहाकि जिस व्यक्ति के खिलाफ सच्चाई उजागर करने के लिए स्वामी जी द्वारा आवाज उठायी गयी है वे एक अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। पूर्व में भी वर्ष 2022 में स्वामी रूद्रानन्द गिरी महाराज के द्वारा भी एक सच समाज के सामने लाने का प्रयास किया गया था, जिनकी अपहरण करने के बाद बहुत ही बेरहमी से हत्या कर दी गयी।
उन्होंने कहाकि सच का गला घोटकर खामोश ना किया जावें। क्योंकि इससे पूर्व भी कई संतों के सच को उजागर करने के कारण खामोश करा दिया गया। उन्होंने आशंका जतायी की हो सकता है कि हमारी भी जबान को खामोश कर हमारी हत्या कर दी जाए। यदि स्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज को किसी प्रकार की कोई अनहोनी होना प्रतीत होता है तो मैं इस न्याय के लिये आमरण अनशन कंरूगा। यदि इससे भी इंसाफ नहीं मिलेगा तो मुझे हर की पौडी पर अपना शरीर उत्सर्ग करने के लिये बाध्य होना पडेगा। लिहाजा ऐसी स्थिति में उपरोक्त षडयन्त्र में कौन-कौन लोग सम्मिलित है, और भविष्य में इनकी क्या योजना है। इस पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है। जिससे प्रार्थी को न्याय मिल सके और साधु समाज व सनातन धर्म का उत्थान हो सके।