संकट आने पर भक्त की रक्षा को अवतरित होते हैं भगवानः शास्त्री

श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
हरिद्वार।
श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर कनखल में मंदिर के 29 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक मनोज कृष्ण शास्त्री ने भक्त प्रहलाद और भक्त ध्रुव की कथा का मार्मिक वर्णन किया। कथा को सुनकर श्रोता भावविभोर हो उठे। उन्होंने कहा कि भगवान की लीला का कोई भी पार नहीं पा सकता है। इस संसार में राजा हिरणाकश्यप हुए उसने अपने को ईश्वर घोषित किया। उसके ही घर में बालक के रूप में प्रह्लाद ने जन्म लेकर अपने पिता को ईश्वर मानने से मना कर दिया। वह भगवान विष्णु की आराधना में लीन रहे। उन्होंने कहाकि हिरणाकश्यप ने कई यातनाएं दीं। अंत में भगवान ने नृसिंह भगवान का अवतार लेकर हिरणाकश्यप का वध किया। लोगों को हिरणाकश्यप के पापों से मुक्ति दिलायी। इसी प्रकार भक्त ध्रुव ने भी भगवान की भक्ति में लीन रहकर उस प्रकाश को पाया, जिसे इसे पाने के लिए लोग पूरा जीवन तपस्या में लगा देते हैं। पं. मनोज कृष्ण शास्त्री ने कहाकि भगवान अंतर्यामी हैं। वह सब कुछ देखते व जानते है। ईश्वर का जाप करने वाले पर आई मुसीबत को स्वयं ईश्वर आकर मदद करते है। उन्होंने कहाकि जब-जब भक्तों पर संकट आता है भगवान उसकी रक्षा के लिए खुद ही आगे आकर उसके कष्टों को हर लेते हैं। जिस प्रकार से भगवान ने प्रह्लाद व ध्रुव की रक्षा की। मंदिर के महंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहाकि कलियुग में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण ही पापों से मुक्ति व मोक्ष का एकमात्र सरल साधन है। जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को एक बार अवश्य ही श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। कथा विश्राम के अवसर पर कथा के यजमान अरविन्द्र अग्रवाल ने परिवार व भक्तों के साथ भगवान की आरती उतार कर देश में सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर कथा में वीरेन्द्र वत्स, अमित चावला, प्रवीन्द्र गोयल, सुन्दर सिंह मनवाल, नीरज चौधरी, अचला मल्होत्रा, हिमांशु चोपड़ा, सतीश शर्मा, जितन्द्र प्रसाद, अनिल ठाकुर आदि ने सहयोग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *