हरिद्वार। प्रेमिका के पति की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या करने व ग्रामीण पर जानलेवा हमला करने के मामले में हत्यारोपी मंजीत जैमिनी को दोषी करार दिया गया है। पंचम एडीजे मुकेश चंद आर्य ने हत्यारोपी युवक को आजीवन कारावास व 70 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि छह मई 2018 की सुबह साढ़े सात बजे बहादराबाद क्षेत्र के गांव बहादरपुर सैनी निवासी तेलूराम को रास्ते में रोककर उस पर तमंचे से दो फायरिंग की गई थी। घायलावस्था में तेलूराम मौके से अपनी जान बचाने के लिए एक ग्रामीण के घर में घुस गया था। उसके बाद हमलावर मंजीत जैमिनी ग्रामीण धर्मसिंह के घर में घुसकर उसके दामाद संजय पुत्र नथलू निवासी ग्राम मुजाहिद पुर बुग्गावाला के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर घायल कर दिया था। इलाज के लिए अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में संजय की मौत हो गई थी। उसी दिन तेलूराम के पिता ने बहादराबाद थाने में लिखित शिकायत हमलावर मंजीत जैमिनी व उसके बड़े भाई सुशील पुत्रगण राजकुमार निवासी ग्राम बहादरपुर सैनी बहादराबाद के खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद हत्या व हमला करने के आरोपी मंजीत व षडयंत्र में शामिल रेखा पत्नी संजय निवासी ग्राम मुजाहिदपुर सतीवाला थाना बुग्गावाला के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। सरकारी पक्ष की ओर से 21व बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह के बयान दर्ज कराए गए।
केस की विवेचना के दौरान मृतक संजय की पत्नी राखी व हत्यारोपी मंजीत जैमिनी के बीच शादी से पहले दोनों के आपस में प्रेम प्रसंग था। यही नहीं, शादी से पहले दोनों अपने घर से कही चले गए थे। संजय से राखी की शादी होने पर हत्यारोपी मंजीत उससे रंजिश रखने लगा था। केस की विवेचना के दौरान हमलावर मंजीत जैमिनि के बड़े भाई सुनील की पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई थी। जिसपर हमलावर मनजीत व उसके भाई चुटैल तेलूराम व सुनील की पत्नी से अवैध संबंध होने का शक कर रंजिश रखने लगे थे।
अवैध तमंचा रखने पर तीन वर्ष की सजा
विचारण कोर्ट ने हत्यारोपी मंजीत जैमिनी को अवैध तमंचा रखने का दोषी पाया है। जिस पर उसे तीन साल की कैद व एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। विचारण कोर्ट ने हत्या के षड़यंत्र में शामिल मृतक संजय की पत्नी राखी को ठोस सबूत के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। चतुर्थ एडीजे कोर्ट ने हत्यारोपी परवेज को आजीवन कारावास व 70 हजार रुपये के जुर्माना राशि की सजा सुनाई। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर उसे दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं।


