हरकी पैड़ी से आरम्भ हुई यात्रा सीएम हाऊस तक जाएगी
हरिद्वार। देवभूमि उत्तराखंड को जिहाद और जिहादियों से मुक्त करने की मांग को लेकर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के शिष्य यति रामस्वरूपानंद महाराज ने उत्तराखंड के सभी जिलों में रक्तपत्र लिख कर अभियान चलाया। आज सभी रक्त लिखित पत्रों को लेकर पदयात्रा के रूप में हरकी पौड़ी से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास की ओर कूच किया। पदयात्रा आरम्भ करने से पहले सभी सतांे ने श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पण्डित अधीर कौशिक के साथ माँ गंगा की विधिवत पूजा अर्चना की। पण्डित अधीर कौशिश ने श्री अखंड परशुराम अखाड़े की ओर से यात्रा को समर्थन दिया और पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।
इस दौरान महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने हर की पौड़ी पर उपस्थित संतो और श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज इस्लाम का जिहाद और जिहादी सम्पूर्ण मानवता का कैंसर बन चुके हैं। अगर अब भी इनका उचित इलाज नहीं किया गया तो ये दुनिया की हर महिला, हर बच्चे और हर नागरिक के साथ वही करेंगे जो हमास के जिहादियों ने सात नवम्बर को इजरायल के बच्चों, महिलाओं और नागरिकों के साथ किया था। दुनिया हमास को कोई अलग संगठन या विचारधारा समझने की कोशिश ना करे। ये वही विचारधारा है जो दुनिया में हर मदरसे और हर मस्जिद के माध्यम से फैलाई जा रही है। आज पूरी दुनिया मे मुसलमानों ने अपनी जनसंख्या को अपना सबसे घातक हथियार बना लिया है। ये बहुत जल्दी अपनी जनसंख्या के बूते पर दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों पर कब्जा कर लेंगे और दुनिया से सभी गैर मुस्लिम मर्दों और बच्चों का कत्ल करके उनकी औरतों को अपनी रखैल बना लेंगे या मंडियों में बेच देंगे। आज दुनिया के हर उस सभ्य नागरिक को इनसे लड़ना पड़ेगा जो अपने और अपने परिवार को इस पैशाचिक नृशंसता से बचाना चाहता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सम्पूर्ण विश्व की तरह देवभूमि उत्तराखंड भी इन जिहादियों से भर चुकी है। देवभूमि उत्तराखंड सनातन धर्म और संस्कृति की आध्यात्मिक ऊर्जा का सबसे प्रमुख स्थान है। इस पर जिहादियों का कब्जा सनातन धर्म और धर्मावलंबियों के लिए बहुत विनाशकारी सिद्ध होगा। विश्व के हर हिन्दू को देवभूमि उत्तराखंड को जिहाद और जिहादियों से मुक्त करवाने के लिये लड़ना ही चाहिये।
पदयात्रा आरम्भ करते हुए यति रामस्वरूपानंद महाराज ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के कारण देवभूमि उत्तराखंड में मस्जिद, मजारों और मदरसों का खूनी जाल फैल चुका है। अब मुख्यमंत्री को दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए देवभूमि को इससे मुक्त कराना चाहिए। पदयात्रा में यति आत्मानंद, यति सत्यदेवानंद, निर्भयानंद, यति रणसिंहानंद तथा अन्य सन्यासी सम्मिलित हैं।