नामी कंपनियों के नाम से फैक्ट्री में नकली दवाइयां बनाकर बेचने का देहरादून पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने करीब 30 लाख नकली कैप्सूल, अलग-अलग बैंक की चेक बुक, नकली दवाई बनाने का कच्चा माल, लैपटॉप, मोबाइल फोन, एक लग्जरी कार, नकली दवाइयां बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जेल पहुंचा दिया है। मामले का खुलासा एसएसपी अजय सिंह ने किया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मुखबिर ने पुलिस को बताया था कि क्षेत्र में नकली दवाइयां की सप्लाई हो रही है। इस आधार पर पुलिस ने रायपुर थाना अध्यक्ष कुंदन राम के नेतृत्व में टीम गठित कर खुलासा करने का प्रयास किया। हरिद्वार स्थित एक नकली फैक्ट्री के पकड़ में आने के बाद उसे सील कर दिया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सचिन शर्मा और विकास के रूप में हुई है। दोनों आरोपी लॉकडाउन से पहले दवाई बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे।
पुलिस द्वारा नामजद आरोपित सचिन शर्मा के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो आरोपित की अमन विहार में एक मेडिकल शॉप होने के सम्बन्ध में जानकारी मिली। पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपित सचिन शर्मा व उसके पार्टनर विकास कुमार को पॉलिटेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर देहरादून के पास से रेंज रोवर गाडी के साथ गिरफ्तार किया, जिनके कब्जे से वाहन में रखी इन्डोकैप व इन्डोकैप एसआर दवाइयों के 24 डिब्बे कुल 7200 कैप्सूल नकली दवाइयां बरामद हुई।
आरोपितों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि मखदुमपुर गांव पर उनकी एक फर्जी फैक्ट्री है तथा गोदावरी रूडकी स्थित फ्लैट में उनके द्वारा नकली दवाईयां व उससे सम्बन्धित सामग्री रखी हुई है, जिसे वह मूल दवाई की कम्पनी के नाम से विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते हैं। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर मखदुमपुर गांव निकट लखनौंता चौराहा झबरेड़ा, हरिद्वार स्थित फैक्ट्री व आरोपित सचिन शर्मा के गोदावरी रूडकी हरिद्वार स्थित फ्लैट से भारी मात्रा में नकली दवाइयां, नकली दवाइयां बनाने के उपकरण,नकली दवाइयां बनाने के लिये कच्चा माल व अन्य सामग्री की बरामद की गयी है व मखदुमपुर हरिद्वार में स्थित फैक्ट्री को सील किया गया। आरोपितों द्वारा नकली दवाइयों की पूर्व में की गयी सप्लाई के सम्बन्ध में भी साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है ।
आरोपित सचिन शर्मा ने बताया कि वह दोनो एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। वह स्टेफोर्ड लैबोरेट्री लिमिटेड भगवानपुर में सुपरवाइजर का काम करता था, जहां दवाइयां बनती है तथा विकास जगसन पाल फार्मास्यूटिकल कम्पनी में हरिद्वार में मार्केटिंग का काम करता था। कोरोना में दोनों की नौकरी छूट गयी थी। दोनो ने प्लान बनाया कि हम लोग जैगसन पाँल कम्पनी एंव वर्लटर बूसनल कम्पनी की नकली दवाईयाँ तैयार कर मार्केट में बेच सकते है, जिससे हम लोग करोड़ांे कमा सकते है। दोनों को दवाईयाँ का कम्पनी में रहकर दवाईयों के बनाने की जानकारी हो गयी थी। इससे पहले उन्होंने कई फर्म खोली गयी। वर्तमान में दिसम्बर 2022 से एक एसएस मेडिकोज नाम से एक फर्म खोली थी, जिसका प्रोपराईटर सचिन था। परन्तु यह फर्म हम दोनो की पार्टनरशिप फर्म हैं। हमें इस फर्म से जितना लाभ प्राप्त होता है, उसको हम दोनांे बराबर बांट लेते है।
हमारे द्वारा उक्त कम्पनी की दवाईयाँ अपनी फैक्ट्री मकदूमपुर गाँव निकट लखनौता चौराहा झबरेड़ा में बनाते हैं। हमारी एसएस मेडिकोज नाम की फर्म का आँफिस देहरादून में सहस्त्रधारा रोड़ में है, जहाँ से हम लोग उक्त दवाईयांे को दिल्ली, लखनऊ एंव कोलकाता आदि शहरांे में बेचते है। पुलिस ने आरोपितों का सामान कब्जे में ले लिया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर उनको कोर्ट में पेश किया।