कचरा निस्तारण प्लांट पर चाहरदीवारी का मामला गरमा गया। प्लांट ऋषिकेश के गुमानीवाला के लाल बीट पानी में प्रस्तावित है। आज चाहरदीवारी करने जा रहे निगम प्रशासन की ग्रामीणों के साथ तीखी नोकझोंक हो गई। इतना ही नहीं ग्रामीणों और पुलिस बल के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर कोतवाली भेजा। इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। प्रदर्शनकारियों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
ऋषिकेश नगर निगम प्रशासन का कहना है कि लाल बीट पानी में कचरा निस्तारण प्लांट प्रस्तावित है। जिसके लिए कई विभागों से बमुश्किल एनओसी ली गई है, लेकिन ग्रामीण विरोध कर कचरा निस्तारण प्लांट को शुरू नहीं करने दे रहे हैं। जबकि, कचरा निस्तारण प्लांट लोगों की सुविधा के लिए ही लगाया जा रहा है। आज पुलिस बल की मौजूदगी में संबंधित भूमि पर नगर निगम प्रशासन चाहरदीवारी करने जा रहा था, लेकिन ग्रामीणों ने रास्ते में ही प्रशासन की टीम को रोककर हंगामा करना शुरू कर दिया।
जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान और ग्राम प्रधान दीपा व्यास ने प्रशासन पर दबंगई करने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से कचरा निस्तारण प्लांट आबादी क्षेत्र से दूर लगाने की मांग दोहराई है। दोनों प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र सरकार को कचरा निस्तारण प्लांट की भूमि के संबंध में गुमराह किया गया है। कागजों में कचरा निस्तारण प्लांट के आस पास जंगल दिखाया गया है। जबकि आबादी क्षेत्र संबंधित भूमि से बिल्कुल लगा हुआ है। उनका कहना है कि कचरा निस्तारण प्लांट का कोई विरोध नहीं कर रहा है। विरोध इस बात का है कि कचरा निस्तारण प्लांट आबादी क्षेत्र से दूर लगाया जाए। प्रशासन उनकी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है। इस संबंध में कई बार मेयर से भी मुलाकात कर बात करने के बाद भी अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। इसके विपरीत प्रशासन पुलिस बल को आगे कर ग्रामीणों की मांग को दबाने की कोशिश करने में लगा है।
उनका कहना है कि जबरदस्ती कचरा निस्तारण प्लांट शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसे ग्रामीण बर्दाश्त नहीं करेंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है यदि बलपूर्वक प्रशासन ग्रामीणों की आवाज दबाने का काम करेगा तो वो उग्र आंदोलन करेंगे। इसका खामियाजा सरकार को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा। इस मामले में ऋषिकेश नगर निगम प्रशासन और उप जिलाधिकारी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।