अशोक चड्ढ़ा मर्डर केस की पुलिस ने सुलझायी गुत्थी, 4 गिरफ्तार, 2 फरार

लूट के मकसद से सेवाश्रम में घुसकर की थी हत्या

हत्यारों में 02 किराएदार भी शामिल, घटनास्थल से थे पूरी तरह वाकिफ

हरिद्वार। कनखल के बैरागी कैंप में रिटायर्ड सिंचाई कर्मचारी की गला रेतकर हत्या के मामला का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बुजुर्ग की हत्या के मामले में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपित अभी भी फरार हैं। मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को डीजीपी, आईजी, एसएसपी व मृतक परिजनों ने ईमान की घोषणा की है। पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर जेल भेज दिया है।


विदित हो कि 11 सितम्बर की देर शाम कनखल के बैरागी कैंप में रिटायर्ड सिंचाई कर्मचारी अशोक चड्ढ़ा की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई थी। मामले में पुलिस को शुरुआती जांच में सेवाश्रम में बतौर केयर टेकर नियुक्त नरेन्द्र शक के घेरे में था, किन्तु पुलिस की जांच में हत्यारे सेवाश्रम के किराएदार और उनके साथी निकले, जिन्हंे मृतक द्वारा कुछ दिन पहले ही पहचान पत्र और किराया न देने पर आश्रम से बाहर का रास्ता दिखाकर किराए के कमरे पर ताला जड़ दिया था।


मामले का रोशनाबाद कार्यालय में खुलासा करते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने बताया कि सेवाश्रम से बाहर निकाले गए किराएदार भानू और संदीप अक्सर मृतक के कमरे में झाड़ू-पोछा किया करते थे। इस दौरान कमरे में टांगी गई चाबियों के छल्ले, बिस्तर के नीचे रखे कागजात और बच्चों के अच्छे रोजगार में लगे होने के चलते आरोपितों को मृतक के कमरे में मोटी रकम होने का अंदाजा था, जिसके चलते लूट की वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया गया।

शाम को सभी के एक साथ में नशा करने के दौरान बना था प्लान

बताया कि सेवाश्रम से बाहर निकाले गए किराएदारों को नशा करने की आदत होने के चलते शाम को सभी एक साथ मिले जहां नशा करने के दौरान कुछ साथी और मिले। इस दौरान लूट का प्लान बनाया। आरोपितों ने बाहर से नकली नोट मंगाकर उनकी काट-छांट करने और तैयार नकली नोटों के असली नोटों की गड्डियों के बीच रखकर नशा सामग्री खरीदने की बात भी सामने आयी है, जिस सम्बन्ध में जांच जारी है।


बताया कि मिले सुराग के आधार पर पुलिस टीम ने 3500 से अधिक ई-रिक्शा को चैक करने के पश्चात पूरी वारदात का खुलासा करते हुए हत्या, लूट में शामिल मुख्य अभियुक्त सहित 04 अभियुक्तों को दबोचने में सफलता हासिल की। टीम ने अभियुक्तों की निशांदेही पर श्रीयंत्र पुल के नजदीक से घटना में प्रयुक्त पाटल, मृतक के खून से सने आरोपितों के कपड़े व लूट के दौरान मृतक के कुर्ते से निकाले गए 7000 रुपए बरामद किए। प्रकरण में शामिल 02 अन्य आरोपित फरार चल रहे हैं जिनकी तलाश की जा रही है।


कम समय में ब्लाइंड मर्डर केस के सफल खुलासे पर पुलिस टीम को डीजीपी उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने 25 हजार, आईजी रेंज करण सिंह नगन्याल ने 10 हजार व एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा 05 हजार के ईनाम की घोषणा की घोषणा की है। साथ ही मृतक के परिजन ने पुलिस टीम को 51 हजार रुपये का चैक भेंट किया।


पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने अपने नाम भानु प्रताप पुत्र कटार सिंह निवासी हस्तिनापुर मेरठ उ.प्र. हाल निवासी माया विहार जगजीतपुर कनखल, अभिजीत उर्फ सुक पुत्र मनमोहन सिंह निवासी आर्यनगर ज्वालापुर हरिद्वार, संदीप कुमार पुत्र जवाहर सिंह निवासी पण्डितपुरी रायसी लक्सर, मनीष गिरी पुत्र जनेश्वर निवासी बैराज कालोनी मायापुर कोतवाली हरिद्वार बताए। पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर उनको जेल भेज दिया है।

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