करें अपनी आंतों की सफाई और रखे अपनी काया को निरोगी

वर्ष भर मे इस विधि से एक ही बार आंतों की सफाई करें, बार-बार नहीं
70 वर्ष की समयावधि में हमारी आंतें 100 टन खाद्य सामग्री व 40000 हजार लीटर तरल का प्रोसेसिंग करने की प्रक्रिया करती हैं। इसका मतलब यह है कि हमारे बाडी में 6 किलो 800 ग्राम (15 पाउंड) मल और जहरीला कचरा जमा है, जो हमारे खून को दूषित करने के साथ शरीर को अपूरणीय क्षति करता है।


आंतें साफ नहीं होने से लगातार कब्ज, पाचन की परेशानी, मधुमेह, अत्यधिक या अपर्याप्त वजन, गुर्दे और जिगर की बीमारी, श्रवण और दृष्टि समस्याओं, त्वचा, बाल और नाखून की समस्याएं व अन्य रोगों के साथ ही गठिया से लेकर कैंसर जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।


इसलिए आप आंतों की सफाई कर शरीर में जमा कफ, मल निकाल, आंतों से बैक्टीरिया (परजीवियों) को नष्ट कर बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी परेशानीयों को रोक कर रोगों से निजात पा सकते हैं।
एनीमा से आंत के मात्र 40-50 सेंटीमीटर के एक छोटे से हिस्से को साफ कर सकते हैं। यह महंगा असुविधाजनक और आंतों व स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक भी है।


एक ऐसे प्राकृतिक तरीके से आंतों की सफाई व शरीर में जमा मल, कफ व बैक्टीरिया का निष्कासन किया जायेगा तो शरीर के अंग तेजी से वजन सामान्य बनाने, वसा जलाने व पाचन क्रिया सही करने में सहयोग प्रदान करेंगे, इससे शरीर के पाचन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसके लिये हमें चाहिए रोजाना मात्र 3 सप्ताह के लिये 1 से 3 बडी चम्मच अलसी का आटा और गाय मां के दूध से निर्मित दही 100 से 150 ग्राम।


यह दो घटकों का कोलोन सफाई मिश्रण आपके कमर पर व शरीर में जमा अपशिष्ट निकाल, शरीर का प्राकृतिक तरीके से शुद्धिकरण करेगा। मात्र 3 सप्ताह के लिये नाशते की बजाय इस मिश्रण का ऐसे सेवन करें
पहला सप्ताह:-
1 टेबल स्पून अलसी का आटा व 100 एमएल दही।

दूसरा सप्ताह:-
2 टेबल स्पून अलसी का आटा व 100 एमएल दही।

तीसरा सप्ताह:-
3 टेबल स्पून अलसी का आटा व 150 एमएल दही।
और देखें …..कैसे दुम दबा के भाग गया आपके शरीर से मोटापा। कैसे चयापचय विकारों से निजात मिल सुधर गया शरीर का पाचन तंत्र।
गधे के सिर से सिंगों की तरह कैसे गायब होती है आपके पेट की परेशानियांः

(कोलाइटिस-पेट और ग्रहणी अल्सर) पाकाशय शोथ, कोलाइटिस, संक्रमणों, मूत्राशयशोध, सिस्टायसिट, वृक्कगोणिकाशोध, जठरांत्र पथ, मूत्र पथ के रोगों, शरीर के अत्यधिक वजन, लिपिड चयापचय विकार, पेट और ग्रहणी अल्सर व श्वसन तंत्र के सूजन।
उपरोक्त स्वास्थ्य सबंधी परेशानियों के निराकरण में यह बहुत कारगार है। जरूरत मुताबिक फलेक्स सीड ग्राईण्डर में डाल रोजाना आटा तैयार करना है।
दिन भर में कम से कम 2 लीटर पानी पीना जरूरी है। यदि संभव हो तो पानी में शहद मिला के पीयें, इससे बहुत अच्छा परिणाम मिलेगा।
फलेक्स सीड आटा शरीर से विषाक्त पदार्थों को अवशोषित कर शरीर से बाहर निकाल देता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर देता है।
विशेष:- वर्ष भर मे इस विधि से एक ही बार आंतों की सफाई करें, बार बार नहीं।

Dr. (Vaid) Deepak Kumar

Adarsh Ayurvedic Pharmacy

Kankhal Hardwar

aapdeepak.hdr@gmail.com

9897902760

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