हरिद्वार। लक्सर स्थित जेके टायर फैक्ट्री के मैनेजमेंट द्वारा बाढ़ के दौरान मजदूरों का काटा गया वेतन तत्काल वापस कराए जाने के मामले को लेकर निर्बल निर्धन विधि सहायता समिति के अध्यक्ष रस्तौगी के नेतृत्व में जिलाधिकारी को प्रदर्शन के बाद एक ज्ञापन पत्र प्रेषित कर काटा गया वेतन तत्काल वापस कराये जाने की मांग की।
इस अवसर पर निर्बल निर्धन विधि की सहायता समिति के अध्यक्ष राजेश रस्तोगी ने कहा कि लक्सर स्थित जेके टायर फैक्ट्री ने बाढ़ के दौरान अपने कर्मचारियों का तीन दिन का वेतन काट लिया था, ऐसे संकट के दौर में जब लक्सर में बाढ़ा ने चारों तरफ तबाही मचा दी थी। चारों तरफ पानी पानी था। लोगों के घरों में पानी था। व्यापारी किसान आम नागरिक बाढ़ में डूब रहा था, तब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और पूर्व सीएम हरीश रावत सहित तमाम राजनीतिक दलों के नेता बाढ़ पीडि़तों की मदद करने का काम कर रहे थे, लेकिन जेके टायर कंपनी अपने मजदूरों का वेतन काट के कलंकित कार्य कर रही थी, किंतु जेके टायर मैनेजमेंट ने जिस तरीके से मजदूर का पेट काटा है, उससे स्पष्ट होता है कि जेके टायर कंपनी लक्सर का मैनेजमेंट अपने मजदूर का शोषण करती है।
इस संबंध में समिति की ओर से लक्सर के एसडीएम को 2 अगस्त को एक ज्ञापन पत्र प्रेषित किया गया था, जिस पर उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई के आदेश भी किए थे, लेकिन आज तक उनका पैसा वापस नहीं मिला, इसलिये समिति ने जिलाधिकारी को ज्ञापन पत्र प्रेषित किया। रस्तोगी ने कहा कि यदि 15 दिन के अंदर मजदूरों का काटा गया वेतन वापस नहीं हुआ तो निर्बल निर्धन विधिक सहायता समिति अपने खर्चे पर मजदूरों के हक के लिए उत्तराखंड राज्य मानवाधिकार आयोग में जनहित याचिका जेके टायर मैनेजमेंट के विरुद्ध दायर करेगी।
ज्ञापन प्रेषित करने वालो में राजेश रस्तौगी, कैलाश चंद, अमित नौटियाल, मनोहर भट्ट, मंजु रानी, अनीश अहमद, शाहनवाज अहमद, नीरज शर्मा, अशोक पाठक, मोहन सैनी आदि शामिल थे।