अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने बैरागी संतों की नाराजगी को जायज बताया

कुंभ को लेकर सरकार पर लगाया फैंसले थोपने का आरोप
हरिद्वार।
अखाड़ा परिषद से नाराज चल रहे बैरागी अखाड़ों के संतों ने आज अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से मुलाकात की। इस दौरान अपनी उपेक्षा को लेकर बैरागी संतों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। सूत्र बताते हैं कि मुलाकात और बंद कमरे में हुई वार्ता के बाद भी नाराजगी दूर नहीं हो पायी।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि बैरागी अखाड़ों के संतों ने कुंभ मेले की व्यवस्था न होने के संबंध में जानकारी दी। जिसको देखते हुए बैरागी संतों की नाराजगी जायज है। बैरागी अखाड़ों के लिए मेला प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बैरागी अखाड़ों में टेंट, बिजली, पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने कहाकि इस संबंध में सरकार से वार्ता की जाएगी। कहाकि अखाड़ा परिषद की शीघ्र ही बैठक बुलायी जाएगी। जिसमें सभी 13 अखाड़ों द्वारा निर्णय लिया जाएगा। उन्होंनेे कहा कि अभी तक हुए कार्यों से वह संतुष्ट नहीं है क्योंकि कुंभ मेले को लेकर बैरागी अखाड़ों के साधु संत असमंजस में हैं।
वहीं नरेंद्र गिरी ने राज्य सरकार के कुंभ मेले को सीमित किए जाने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के शाही स्नान की घोषणा मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के द्वारा की गई थी। जिसमे कुंभ के चार स्नान की घोषणा की गई थी। यह बैठक कोरोना महामारी के वक्त हुई थी। अब कुंभ की अवधि का कम कर दिया गया है। इसकोे लेकर अखाड़ा परिषद से सरकार द्वारा कोई वार्ता नहीं की गई। उन्होंने कहाकि सरकार अपनी कमियां छुपाने के लिए कोरोना का बहाना कर रही है। उनका कहा कि कुंभ मेले को लेकर सरकार अपने निर्णय को हमारे ऊपर थोप रही है। हम उसको मानने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि सरकार द्वारा इस संबंध में परिषद से कोई भी राय नहीं ली गई है।

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