एचएनबी विवि के तुगलकी फरमान से हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटका: खन्डूरी

देहरादून। भाजपा नेता एवं पूर्व दर्जाधारी मन्त्री विवेकानंद खंडूरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र प्रेषित किया है। प्रेषित पत्र में हेमवती नंदन बहुगुणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा गढ़वाल मंडल के दस राजकीय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों की संबद्धता समाप्त किए जाने के निर्णय पर पुनः विचार कर छात्र हित मे पूर्व की व्यवस्था को जारी रखने का अनुरोध किया है।


उन्होंने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी की एग्जिक्यूटिव काउंसिल द्वारा गढ़वाल मंडल के दस अशासकीय राजकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों की सेंट्रल यूनिवर्सिटी से शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए संबद्धता समाप्त कर दी गई। इन सभी डिग्री कॉलेजों को राज्य स्तरीय श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेने के लिए कहा गया है। उक्त निर्णय के खिलाफ कुछ अशासकीय कॉलेजों के प्रबंधकों द्वारा उत्तराखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। जिस पर हाई कोर्ट नैनीताल ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के निर्णय के खिलाफ स्टे देकर रोक लगा दी।


उन्होंने कहा इससे पूर्व भी उच्च न्यायालय ने 2021 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल को स्पष्ट आदेश दिये थे कि महाविद्यालयों की संबद्धता को असंबद्ध करने का निर्णय न तो केंद्र सरकार और न ही उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा। इसके बावजूद हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने यह विवादित फैसला देकर उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय की अवहेलना की है जो निसंदेह न्यायालय की अवमानना है।
खन्डूरी ने कहा कि वर्तमान में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता थी। परंतु एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा दस महाविद्यालयों को सेंट्रल यूनिवर्सिटी से असंबद्ध कर इसके दायरे को संकुचित कर दिया गया है।


उन्होंने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि से दस सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों को असंबद्ध करने से शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गई है। जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में फंस गया है। एग्जीक्यूटिव काउंसिल के तुगलकी फरमान से प्रभावित छात्रों, कालेज प्रशासन एवं अभिभावकों में भारी आक्रोश है।

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