हरिद्वार। पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के चलते गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और हरिद्वार के गंगा के तटवर्ती इलाकों में अलर्ट कर दिया गया है। प्रशासन ने स्थिति पर नजर बना रखी है। एडीएम और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के आलाधिकारी भीमगोडा बैराज पर नजर बनाए हुए हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में 2 दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते जहां अलकनंदा नदी अपने रौद्र रूप में है, वहीं हरिद्वार में गंगा का जलस्तर भी खतरे के निशान 294 मीटर से लगभग 30 सेंटीमीटर ऊपर है। गंगा के जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने आपदा कंट्रोल रूम लखनऊ को सूचना दे दी है।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि जिस तरह से पहाड़ पर लगातार बारिश हो रही है, उसके कारण हरिद्वार में गंगा का जलस्तर सुबह 4 बजे से ही लगातार बढ़ता जा रहा था। खतरे के निशान 294 मीटर से जलस्तर 30 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए हरिद्वार जिले के तटवर्ती इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है। इसकी सूचना लखनऊ के आपदा कंट्रोल रूम को भी दे दी गई है। हरिद्वार एडीएम केके मिश्र ने बताया कि स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर गंगा के तटीय क्षेत्रों से जुड़े इलाकों को अलर्ट पर रख दिया गया है। वहीं गंगा से जुड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। एडीएम ने बताया की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। फिलहाल जलस्तर स्थिर है जो राहत की बात है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण लक्सर क्षेत्र में भी चैकसी बढ़ी दी गयी है। साथ ही गंगा के समीप के इलाकों को खाली करवा लिया गया है। वहीं भारी बरसात के कारण चण्डी घाट पर बना नमामि गंगे घाट भी डूब गया है। उधर गंगा में गाद आने के कारण गंग नहर को भी बंद कर दिया गया है।

हरिद्वार में गंगा खतरे का निशान के ऊपर, प्रशासन अलर्ट


