हरिद्वार। लोग अपनी अय्यशी के लिए क्या-क्या तिकड़में लगाते हैं। इसको जानकर भी आश्चर्य होता है। जब व्यक्ति अय्याशी के मार्ग पर चल पड़े तो वह कुछ भी कर गुजरने के लिए गुरेज नहीं करता। बस उसे केवल फुल मस्ती चाहिए होती है।
तीर्थनगरी में भी भगवाधारण कर अय्यशी करने वाले कुछ लोग हैं। इनमें भी कुछ खास हैं, जो विदेश जाने के नाम पर धन इक्ट्ठा कर अय्याशी पर खर्च करते हैं। ऐसे ही एक भगवाधारी लम्पट संत हैं, जो कुछ दिनों पूर्व अपने भक्तों और समाज को विदेश जाने की बात कहकर आश्रम से निकले। सूत्र बताते हैं कि संत महोदय विदेश जाने की बजाय प्रदेश के ही जंगलों में रहे। जंगल में घास-फूस व कंदराओं में नहीं, बल्कि आलीशान मकान में वह भी सरकारी बंगले में। जहां उन्होंने विदेश दौरे के दिन उसी आलीशान मकान में बिताए और फुल मस्ती की।
सूत्र बताते हैं कि इस कार्य में एक बड़े अधिकारी ने संत महोदय की पूरी मदद की। कारण की बिना अधिकारी की कृपा के सरकारी आवास में रहना संभव ही नहीं है। वह भी एक-दो दिन नहीं पूरा एक पखवाड़ा। सूत्र बताते हैं कि संत महोदय ने विदेश यात्रा का ढि़ढोरा पीटा, आश्रम से विदेश जाने के लिए निकले भी, किन्तु विदेश जाने की कोई भी गतिविधि उनकी सरकारी रिकार्ड में दर्ज नहीं है। आज भी वे विदेश भ्रमण का दावा करते हैं, किन्तु जब जंगल में एकांत में फुल मस्ती बिना किसी रूकावट और भय के मिले तो लम्पटों के लिए वह किसी विदेश यात्रा से कम नहीं होती।


