कोर्ट में चैलेंज की जाएगी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज की वसीयतः अग्रवाल

हरिद्वार। अखिल भारतीय श्री धर्म सेना से राष्ट्रीय संयोजक जानकीशरण अग्रवाल ने कहाकि तथाकथित शंकराचार्यों के सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद महाराज ने 10 रुपए के बिना रजिस्टर्ड स्टाम्प पर ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की वसीयत जारी कर दोनो ंपीठों पर शंकराचार्यों की नियुक्ति किए जाने को फर्जीवाड़ा करार दिया है।

उन्होंनें कहाकि कहा कि कथित वसीयत के द्वारा कहा गया कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 92 वर्ष की उम्र में अर्थात् की वर्ष 2014 में वसीयत बनवाई थी। जिसमें उन्होंने कहा कि द्वारका शारदा पीठ पर स्वामी सदानंद, ज्योतिष पीठ पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य नियुक्त किया जाए। मठों की भी संपत्ति का बंटवारा भी किया हैै। उन्होंने कहाकि ब्राह्मचारी सुबुद्धानंद को यह बताना चाहिए कि तथाकथित शंकराचार्य स्वामी सदानंद ने ये फर्जी वसीयत कब बनवाई है। किस तारीख को लिखी गई और किस्से लिखवाई गई है। उन्होंने कहाकि यह भी स्पष्ट होना चाहिए की वसीयत किसके पास थी। क्योंकि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने 22 नवम्बर 2020 को एक पत्र जारी कर स्पष्ट कहा था कि हमने अभी तक ज्योतिष पीठ एवं द्वारका शारदा पीठ पर अपने उत्तराधिकारी शंकराचार्य घोषित नहीं किए हैं। फिर वर्ष 2014 में वसीयत कैसे लिख दी।

जानकीशरण अग्रवाल ने कहाकि एक टीवी चैनल पर भी 8 जुलाई 2012 को स्वामी स्वरूपानंद जी ने यह कहा था कि मैं वसीयत नहीं बनाऊंगा। तो फिर वसीयत कहां से आ गई। मठों की संपत्ति का बंटवारा कब से होने लगा। उन्होंने कहाकि तथाकथित शंकराचार्यों के सचिव ने कहा था कि तेरहवीं वाले दिन ही तथाकथित शंकराचार्यों के अभिषेक की घोषणा की जाएगी। फिर घोषणा क्यों नहीं की गई। साधु संतों की षोडशी में शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, साधु, संतों, अखाड़े के महंतों का आगमन होता है, स्वामी स्वरूपानंद महाराज की षोडशी पर वह क्यों नहीं आए। गोवर्धनपुरी पीठ एवं श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्यआंे ने मान्यता देने से इंकार करने के बाद अखाड़ा परिषद के एक गुट ने भी स्वंयभू शंकराचार्यों को मान्यता देने से मना कर दिया है। उन्होंने कहाकि अखिल भारतीय श्री धर्म रक्षा सेना तथाकथित शंकराचार्य की वसीयत को कार्ट में चेलेंज करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *