राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड में खटीमा निवासी ध्रुव डाबर ने उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। तालाबों में उगने वाली काई के निस्तारण के लिए ध्रुव के मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तराखंड से 10 छात्रों के मॉडल का चयन किया गया था। जिसमें ध्रुव डाबर के मॉडल को उत्तराखंड से चुना गया।
बता दें कि तालाबों में यूट्रॉफिकेशन यानी काई एक बड़ी समस्या है। यह पानी में जैविक ऑक्सीजन की मांग को बढ़ा देती है। काई जमने से तालाबों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। जिससे उसमें रहने वाले जलीय जीवों को काफी परेशानी होती है। इसी समस्या को देखते हुए ध्रुव डाबर ने मैग्नीशियम क्लोराइड के प्रयोग से काई को फर्टिलाइजर में परिवर्तित किया है। ध्रुव के इस मॉडल के लिए राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड दिया गया है। ध्रुव डाबर उत्तराखंड से इंस्पायर अवार्ड पाने वाले इकलौते युवा वैज्ञानिक हैं। सरकार की ओर से ध्रुव के इस मॉडल का पेटेंट कराया जा रहा है। इंस्पायर अवार्ड कक्षा 8 से 10 तक के छात्रों को दिया जाता है। ध्रुव डाबर ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ गुरु हिमांशु पगरिया और सर्राफ पब्लिक स्कूल को दिया है।
राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड विजेता ध्रुव डाबर का कहना है कि उनके इस मॉडल के जरिए आने वाले समय में देश को काफी सस्ते दामों में जैविक खाद उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही किसानों को इस फर्टिलाइजर से काफी फायदा होगा, क्योंकि यह बेस्ट से बना है और इसमें लागत काफी काम आएगी। ध्रुव वर्तमान में सर्राफ पब्लिक स्कूल में कक्षा 11वीं के छात्र हैं।


