हरिद्वार जिले के रुड़की में करीब साल भर पहले हुए अधिवक्ता के हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। अधिवक्ता की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि मृतक के चचेरे भाई ने ही कराई थी। हत्या करवाने की पीछे जमीनी विवाद बताया जा रहा है। आरोपी मुजफ्फरनगर की जेल में बंद है, जिसे बी वारंट पर रुड़की लाया गया। पुलिस को अभी इस मामले दो आरोपियों की तलाश है, जिन्होंने अधिवक्ता को गोली मारी थी।
जानकारी के मुताबिक रुड़की की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के पुरानी तहसील स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर में 9 जून 2021 को बदमाशों ने अधिवक्ता उस्मान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या उस समय हुई थी, जब देर रात अधिवक्ता उस्मान स्कूटी से अपने घर जा रहे थे। घर के पास ही परिसर में उनका शव पड़ा हुआ मिला था।
वहीं, इस मामले में पुलिस ने उनके कुछ रिश्तेदारों को नामजद किया था, लेकिन जांच पड़ताल में उनकी कोई भूमिका सामने नहीं आई थी। इस हत्या की घटना के बाद उस्मान के चचेरे भाई अतर निवासी टांडा भनेड़ा, कोतवाली मंगलौर ने मुजफ्फरनगर में हुई लूट के एक मामले में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद आरोपी मुजफ्फरनगर की जिला कारागार में बंद था। वहीं, इस मामले की जांच अब प्रभारी निरीक्षक एश्वर्य पाल कर रहे थे। पुलिस की जांच में हत्याकांड के तार मुजफ्फरनगर जेल में बंद अतर तक जुड़ रहे थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि उस्मान की हत्या में अतर का हाथ है, जिसके बाद गंगनहर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अतर को बी वारंट पर रुड़की जेल में शिफ्ट कराया। पुलिस ने इसके पीसीआर के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। कोर्ट ने गुरुवार को अतर का 10 घंटे का पुलिस रिमांड दिया था। पुलिस ने अतर को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की।
गंगनहर कोतवाली प्रभारी एश्वर्य पाल ने बताया कि आरोपी ने अधिवक्ता उस्मान की हत्या में हाथ होने की बात कबूली है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने जमीनी विवाद के चलते मुजफ्फरनगर निवासी उमेश से हत्या कराई थी, इस हत्याकांड में उमेश के साथ एक अन्य आरोपी भी शामिल था। आरोपी ने बताया कि हत्या के बाद उमेश ने घटना में प्रयुक्त तमंचा मेहवड़ के पास गंगनहर किनारे झाड़ियों में छिपाया था।