आईएफएस अधिकारी किशन चंद द्वारा स्वंय के बचने के लिए कुछ कथित बाबाओं की चरण वंदना भी काम ना आयी। बाबाओं पर मोटी रकम स्वंय के बचने के लिए लुटाने के बाद भी किशन चंद कानूनी पचड़े में फंस ही गए। कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण और कटान मामले में राज्य सतर्कता यानी विजिलेंस टीम ने आईएफएस अधिकारी किशन चंद समेत वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार, सरकारी धन का दुरुपयोग और अवैध निर्माण समेत कई आरोप लगे हैं।
बता दें कि कानूनी पचड़ो से बचने के लिए किशन चंद ने हरिद्वार के एक बाबा की शरण ली थी। बाबा ने भी उसे बचा लेने का दंभ भरा था। जिसके चलते बाबा को मोटी रकम देने का वादा भी किया गया था तथा कुछ रकम बाबा चढ़ावे के नाम पर ले भी चुका है। बावजूद इसके किशन चंद को बाबा द्वारा दिया गया लोलीपॉप किसी काम ना आया।
कॉर्बेट नेशनल पार्क में हुए कार्यों को लेकर आखिरकार वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कड़ी में सरकार की अनुमति के बाद विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी में आईएफएस अधिकारी किशन चंद समेत अन्य विभागीय अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इसकी जानकारी विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा ने दी है। जिसके बाद वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि इससे पहले इस मामले में 2 आईएफएस अधिकारी सस्पेंड हो चुके हैं। जबकि एक आईएफएस अधिकारी को मुख्यालय में अटैच किया गया था। मामले में शासन की अनुमति के बाद विजिलेंस की तरफ से इस पर खुली जांच की गई थी। जांच होने के बाद विजिलेंस ने शासन से मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। इस पर शासन की तरफ से अनुमति दे दी गई है। जिस पर अब विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि जांच के दायरे में विभाग के कई अधिकारी भी आ सकते हैं।