हरिद्वार। कांवड़ मेले के दौरान बीईजी आर्मी के तैराक दल गंगा में डूब रहे कांवडि़यों की जान बचाने के लिए समर्पण भाव से किए गए कार्यों के लिए गुरुवार को जिलाधिकारी ने दल के सदस्यों को सम्मानित किया। मेले के दौरान बीईजी के सदस्यों ने 132 शिवभक्त कांवडियों को गंगा में डूबने से बचाया। मेला नियंत्रण भवन में सम्मान समारोह के दौरान दल के सभी सैनिकों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि कांवड मेला चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि विगत दो वर्षों में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के कारण कोई भी स्नान पर्व नहीं हो पाया था। पूर्व में ही अनुमान लगाया जा रहा था कि इस वर्ष कांवडियों की संख्या बहुत अधिक होगी। कांवड़ मेले में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं ने जो कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया वह अतुलनीय है। जिलाधिकारी ने बीईजी आर्मी तैराक दल के सभी सैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि कांवडि़यों की जान बचाकर जो पुण्य कार्य बीईजी आर्मी के सैनिकों ने किया वह भी देश की सीमाओं पर सेना द्वारा रक्षा करने के समान ही है। इसके लिए सेना के प्रत्येक सैनिक को जिला प्रशासन का सलाम है।
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने रेड क्रास सचिव, नोडल अधिकारी डा. नरेश चौधरी को भी सम्पूर्ण मेला अवधि में उत्कृष्ठ कार्यों एवं सराहनीय समन्वय के लिये प्रमाण पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि डा. नरेश चौधरी को जो भी कार्य दिया जाता है उस कार्य को डा. नरेश चौधरी कर्मठता और समर्पित भावना से करते हैं, जिसके लिये डा. चौधरी विशेष रूप से सम्मान के हकदार हैं। सम्मान समारोह का संचालन रेड क्रास सचिव डा. नरेश चौधरी ने किया।