गृहस्थ से संबंध रखने वालों पर कार्यवाही की बात करने वाले नरेन्द्र गिरि पर हो कार्यवाहीः मदन मोहन
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के पूर्व आम मुख्यतयार स्वमी मदन मोहन गिरि महाराज ने कहाकि परिवार से संबंध रखने वाले संतों पर कार्यवाही करने की बात करने वाले श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज पर अखाड़ा परिषद स्वंय कार्यवाही करे। उन्हों ने कहाकि संत होते हुए भी नरेन्द्र गिरि ने अपने परिवार का भरण-पोषण कर संत की मर्यादा के खिलाफ कार्य किया है।
उन्होंने कहाकि नरेन्द्र गिरि नहीं व नरेन्द्र पुरी हैं। नरेन्द्र गिरि इलाहाबाद जिला के फूलपुर तहसील के प्रतापपुर गांव के निवासी हैं। इनका परिवार पूर्व में झोपड़ियों में रहा करता था। आज वह महलों में निवास कर रहा है। श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने इलाहाबाद स्थित बाघम्बरी गद्दी की सम्पत्ति को बेचकर अपने परिवार वालों को दे दी। इस कारण सबसे पहले नरेन्द्र गिरि को अखाड़े से बाहर किया जाना चाहिए। इस मामले में अखाड़ा चुप क्यों है। इसके साथ ही अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी भी क्यों चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहाकि नरेन्द्र गिरि वैश्य ठाकुर हैं। पूर्व में ये मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण किया करते थे। अब कैसे इनके परिवार के महल खड़े हो गए, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहाकि इन सबके बाद क्या अखाड़ा और अखाड़ा परिषद इनके खिलाफ कार्यवाही करेगा। उन्होंने कहाकि पूर्व में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने संत बनने के बाद परिवार से संबंध रखने वालों पर कार्यवाही की बात कही थी। अब क्या अखाड़ा इन पर कार्यवाही करेगा। उन्होंने कहाकि यदि हमारा भी परिवार से संबंध है तो हम पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। स्वामी मदन मोहन गिरि महाराज ने कहाकि हम साधु समाज की सेवा और भगवान का भजन करने के लिए बने हैं। परिवार पालने के लिए नहीं। उन्होंने कहाकि यदि संत बनने के बाद परिवार ही पालना हैं तो व्यापार क्यों नहीं करते, क्यों साधु का चोला धारण किया हुआ है। उन्होंने कहाकि इन सबके बाद भी अखाड़े द्वारा कार्यवाही न करना अखाड़े की मिलीभगत का दर्शाता है। उन्होंने कहाकि नरेन्द्र गिरि की गृहस्थ लोगों को मण्डलेश्वर बनाने का कार्य करते हैं। स्वामी मदन मोहन गिरि महाराज ने कहाकि जो चरित्रहीन व्यक्ति हैं वह भी आज मण्डलेश्वर बन रहे हैं। ऐसे में पहले कार्यवाी इन लोगों पर होनी चाहिए।