पुत्रवधू को बताया अपनी पत्नी, फिर की हत्या, हुई आजीवन कारावास

अपर जिला सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी नीलम पात्रा की कोर्ट ने साल 2019 के एक मामले में आज अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पुत्र वधू की हत्या और उसकी लाश छिपाने के लिए ससुर को दोषी माना है। कोर्ट ने दोषी ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है।


मामला साल 2019 का है। पुलिस को हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के हरिपुर नायक देवलचौड़ इलाके के जंगल में अज्ञात महिला की सड़ी-गली लाश मिली थी। इस मामले में स्थानीय निवासी गुरुचरण सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि उनके पास किराए का कमरा लेने 10 सितंबर 2019 को अलीगंज बरेली निवासी मदनलाल दो बच्चों और एक महिला को लेकर आया। मदनलाल ने महिला को अपनी पत्नी बताया था। गुरुचरण सिंह ने उन्हें कमरा किराए पर दे दिया था।


गुरुचरण सिंह के मुताबिक 18 सितंबर को मदनलाल ने उन्हें बताया कि उसकी पत्नी भाग गई है। इसके बाद वो अपने गांव चला गया। 27 सितंबर को देवलचौड़ के जंगल में पुलिस को एक अज्ञात महिला की लाश मिली, वो लाश मदनलाल की पत्नी की थी। इसके बाद ही गुरुचरण सिंह ने हल्द्वानी कोतवाली में मदनलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने 4 नवंबर 2019 को मदनलाल को गिरफ्तार कर लिया था। अज्ञात महिला का डीएनए पुलिस ने सुरक्षित रखा। जिसका मिलान उसकी पुत्री से कराया गया तो वह मिल गया। इससे पता चला कि मृतक महिला मदनलाल की पत्नी नहीं, बल्कि पुत्र वधू थी, जिसे वह अपनी पत्नी की तरह रखता था।


महिला का पति मानसिक रूप से अस्वस्थ है। सास बरेली ही रहती थी। मदनलाल ने इस बीच अपनी बहू की हत्या कर लाश जंगल में छुपा दी थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि ससुर को शक था कि उसकी पुत्रवधू का किसी के साथ अवैध संबंध है। इसीलिए वो बरेली से हल्द्वानी अपनी पुत्रवधू की हत्या करने के उद्देश्य से ही लाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गिरिजाशंकर पांडे ने पैरवी करते हुए बहू की हत्या करने व लाश छुपाने को गंभीर प्रवृत्ति का अपराध बताते हुए उसे कठोर सजा दिए जाने की अपील की थी। पूरे मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी नीलम पात्रा की कोर्ट ने आरोपी मदनलाल को आजीवन कारावास और 50,000 का अर्थदंड लगाया है।

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