हरिद्वार। तीर्थनगरी में संतो ंके बीच विवाद आए दिन सामने आते रहते हैं। इसी प्रकार का एक और मामला सामने आया है। मामला इस बार कनखल गांधी मार्ग स्थित श्री मानव कल्याण आश्रम का है। जहां के वर्तमान मंहत ने अपनी मौत या फिर आत्महत्या किए जाने की स्थिति में गुरु-चेले का उसका दोषी पाए जाने की बात की है।
महंत दुर्गेशानंद सरस्वती महाराज ने कई संतों को व्हाट्अप के माध्यम से भेजे मैसेज में कहाकि …… मैं श्री दुर्गेश आनंद सरस्वती, शिष्य ब्रह्मलिन स्वामी कल्याणा नंद सरस्वती। महंत् मानव कल्याण आश्रम कनखल हरिद्वार, बद्रीनाथ धाम। मेरे आश्रम के एक ट्रस्टी स्वामी देवानंद सरस्वती और उनका शिष्य स्वामी हर्षानंद सरस्वती दोनांे मुझे मानसिक तनाव दे रहे हैं और धमकी भी दे रहे हैं।
मुझे इनसे डर लग रहा है कि कही ये मुझे जान से मार न दे। मेरे नाम से झूठा और गलत प्रचार कर के मुझे मानसिक तनाव दे रहे हैं। अगर मुझे कुछ हो गया या तनाव में आकर मैं आत्म हत्या कर लूं तो इसका कारण स्वामी देवानंद और उनका शिष्य स्वामी हर्षानंद होंगे।
स्वामी दुर्गेशा नंद सरस्वती