हिमाचल के पंच दशनामी जूना सलोगड़ा सोलन के महंत ब्रह्मलीन स्वामी देवनारायण पुरी से दीक्षित योगी प्रियव्रत अनिमेष ने प्रेसवार्ता में मंत्र ओम नमः शिवाय की महिमा और जीवन जीने के 5 मूल मन्त्रों पर प्रकाश डाला। योगी ने भगवान शिव के उपासक हैं। उनका कहना है कि शिव न सिर्फ इस समस्त संसार, बल्कि पूरे परिचित और अपरिचित ब्रह्माण्ड के मूल हैं। यदि ब्रह्माण्ड को समझना है तो शिव को समझना होगा। योगी के अनुसार शिव को समझने का सबसे आसान रास्ता शिवजी का मंत्र ओम नमः शिवाय” है। यह मंत्र देखने और सुनने में जितना सरल है, इसकी सिद्धि उतना ही असरदार है। शिव के नाम की इसी महत्ता और इस मंत्र से लोककल्याण के लिए वर्तमान 2021 के कुंभ में देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में शिव आव्हान लोक कल्याण अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है ।
योगी अनिमेष के अनुसार मनुष्य में असीमित ऊर्जा समाहित है, यदि मनुष्य अपनी ऊर्जा को नियंत्रित कर ले तो वह और अधिक प्रभावशाली बन सकता है। किसी भी व्यक्ति को स्वयं को किसी से नीचे नहीं समझना चाहिए क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में श्रेष्ठ है। हमारे पास जीतने संसाधन है हमें उन्हे कभी भी कम नहीं आंकना चाहिए। हमें अपनी दिनचर्या में ध्यान लगाने के साथ-साथ शिव आराधना को भी शामिल करना चाहिए। व विशेष रात्रि एवं नक्षत्र योग के अवसर पर भस्म पूजा करना बेहद लाभकारी होता है। उन्होंने कहाकि यदि ये पांच सूत्र व्यक्ति अपनाता है तो उसके जीवन मंे बदलाव आ जाता है।
उन्होंने बताया कि शिव आह्वान लोक कल्याण अनुष्ठान का आयोजन 18 अप्रैल को प्रातः 6 बजे से लेकर 9.30 तक ऋषिकेश में किया जाएगा।
इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में अंडमान के सांसद कुलदीप राय शर्मा और देवरिया के सांसद रमापति राम त्रिपाठी की उपस्थिति संभावित है।