दुष्कर्म के मामले में दो सगे भाइयों सहित 6 के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश
हरिद्वार। किशोरी से बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने व दुष्कर्म करने के मामले में एडीजे, एफटीएससी न्यायाधीश पारुल गैरोला ने आरोपी युवक को दोषीव मानते हुए 20 वर्ष की कठोर कारावास व 55 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि नौ मार्च 2019 में बहादराबाद क्षेत्र स्थित से एक नाबालिग लड़की अपने घर से कहीं चली गई थी। शाम तक वापिस नहीं लौटी थी। इस संबंध में पीडि़ता के परिजनों ने उसे गांव व रिश्तेदारों के घर पर तलाश किया था। लेकिन उसका कोई पता नहीं चला था। काफी तलाश करने के बाद पीडि़ता के परिजनों ने आरोपी युवक के खिलाफ शक के आधार पर एक लिखित शिकायत देकर पीडि़ता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपी युवक को बहादराबाद बस स्टैंड पर पकड़कर उसके कब्जे से पीडि़त लड़की को बरामद किया था। परिजनों ने आरोपी सतीश पुत्र सतपाल निवासी ग्राम दिनारपुर थाना पथरी को नामजद करते हुए अपहरण,दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। पीडि़त किशोरी ने पुलिस व अपने परिजनों आपबीती बताते हुए आरोपी युवक पर उसे बहला फुसलाकर ले जाकर कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था
पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद आरोपी युवक के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से सात गवाह पेश किए। बचाव पक्ष में कोई भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया था बचाव पक्ष की ओर से बताया गया कि इस मामले में उसे झूठा फंसाया उसके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है जबकि शासकीय अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि अभियोजन पक्ष मामले को सिद्ध करने में पूरी तरह सफल रहा है। विद्वान जज ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है जबकि अर्थदंड की राशि जमा न करने पर दो माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि में से 50 हजार पीडि़ता को देने के आदेश दिए हैं।
वहीं दूसरी ओर दुष्कर्म करने के मामले में पीडि़ता द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के आधार पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण वोहरा ने दो सगे भाइयों सहित 6 के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश कोतवाली प्रभारी रानीपुर को दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रानीपुर थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत वहीं की रहने वाली पीडि़ता ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण वोहरा की अदालत में अपनी अधिवक्ता सारिका वर्मा के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराने हेतु प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें बताया था कि उसका अपने पति से तलाक हो चुका है तथा विष्णु लोक कॉलोनी के रहने वाले मनीष व मोहित ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इतना ही नहीं उसकी बेटियों को भी जान से मारने की धमकी दी थी। पीडि़ता ने दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया था कि उसकी लड़की को भी जलाकर मारने की कोशिश की और उसके मकान को भी हड़प लिया था। इसके संबंध में पीडि़त ने कोतवाली रानीपुर में मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन मुकदमा दर्ज ना होने पर उसके द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के यहां शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायत भी दर्ज कराई गई, परंतु मुकदमा दर्ज ना होने पर उसके द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया। इस पर न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए मनीष व मोहित पुत्र गण स्व. विजेंद्र पाल सोनी पत्नी सूरज सुशीला पत्नी स्वर्गीय विजेंदर तथा सूरज पुत्र जगत सिंह निवासी गण विष्णु लोक कॉलोनी रानीपुर हरिद्वार तथा अब्दुल रहमान पुत्र ना मालूम निवासी विष्णु लोक कॉलोनी के विरुद्ध कोतवाली प्रभारी रानीपुर को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं और साथी जांच करने के आदेश भी दिए हैं।