हरिद्वार। नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर ले जाने व दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो अंजलि नौनियाल ने मुख्य आरोपी जब्बाद को दोषी पाते हुए 10 वर्ष की कठोर कारावास व 45 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि दूसरे आरोपित गुलजार को बहला फुसलाकर ले जाने में सहायता करने पर पांच वर्ष की कैद व 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता आदेश चौहान ने बताया कि वर्ष दो अगस्त 2018 में पथरी क्षेत्र के गांव से मुख्य आरोपी जब्बाद पीडि़त किशोरी को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया था। आरोप लगाया था कि पीडि़त किशोरी को भगाकर ले जाने में मुख्य आरोपित जब्बाद की सहायता करने में आलम, उसका पिता शमशेर अली, गुलजार, जुल्फिकार उर्फ भुट्टो व गफ्फार भी शामिल थे।
यही नहीं आरोपित जब्बाद को पीडि़त किशोरी को मोटरसाइकिल पर ले जाते हुए ग्रामीणों ने भी देखा था। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पीडि़त किशोरी को बरामद किया था। पीडि़त किशोरी ने अपने परिजनों को सारी आप बीती बताई थी। बताया था कि आरोपित जब्बाद ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। जिस पर पीडि़ता के परिजनों ने आरोपित जब्बाद समेत सभी आरोपितों के खिलाफ अपहरण, दुराचार, षड्यंत्र रचना व पोक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने केस की विवेचना के बाद आरोपी जब्बाद पुत्र शमशेर अली, उसके पिता शमशेर अली व गुलजार पुत्र मुस्तकीम निवासी गण ग्राम बहादरपुर जट पथरी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 11 गवाह पेश किए जबकि बचाव में कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया था। बचाव पक्ष की ओर से बताया गया कि इस मामले में गांव की पुरानी रंजिश के चलते झूठा फंसाया गया है, उनके द्वारा कोई अपराध नहीं किया। विद्वान जन ने दोनों पक्षों के तर्कों को संगठन जब बाद और गुलजार को दोषी मानते हुए सजा सुनाई जबकि साक्ष्य के अभाव में आरोपित शमशेर अली को दोषमुक्त कर दिया गया है।