हरिद्वार। 16 वर्षीय बालिका से सामूहिक दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने के मामले में एफटीएससी/अपर सत्र न्यायाधीश कुसुम शानी ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए उन्हें 10-10 वर्ष की कठोर कैद व 83-83 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि छह जुलाई 2018 को कनखल थाना क्षेत्र में पीडि़त किशोरी अपने पड़ोस में दुकान पर सामान लेने गई थी। दोपहर साढ़े 12 बजे आरोपी दुकानदार राजेश उसे अपनी दुकान के अंदर ले गया। वहां पर आरोपी ने पीडि़ता को शादी का झांसा देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये। आरोपी राजेश ने पीडि़ता को इस घटना के बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इस घटना के एक सप्ताह बाद जब पीडि़ता दुकान पर शैंपू लेने गई तो वहां मौजूद आरोपी दुकानदार राजेश व उसके साथी आरोपी धर्मवीर ने पीडि़ता के साथ गलत काम किया। पीडि़ता के गर्भवती होने पर घर वालों को घटना का पता चला। उसके बाद लोगों ने पीडि़ता के बालिग होने पर आरोपी राजेश के साथ उसकी शादी करा देने की बात कही थी, लेकिन आरोपी राजेश ने पीडि़ता से शादी करने से इंकार कर दिया।
पीडि़ता की मां ने आरोपी राजेश पुत्र सुशील पासवान व धर्मवीर पुत्र रामसिंह निवासी गण बजरीवाला बैरागी कैंप कनखल के खिलाफ कई बार दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी देने व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पीडि़त ने बयानों में आरोपियों पर अपहरण कर कई बार उसके साथ दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था। मामले की विवेचना के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से 11 गवाह पेश किए। मुकदमंे की सुनवाई के दौरान
पीडि़ता ने एक बच्ची को जन्म दिया था और मायके में रह रही थी। न्यायाधीश कुसुम शानी ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए उन्हें 10-10 वर्ष की कठोर कैद व 83-83 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।