हरिद्वार में बरसात के दौरान लोगों की चित्कार के अलावा कुछ नहीं

मुख्यमंत्री ने दिया समस्या के शीघ्र निराकरण का आश्वासन


हरिद्वार।
पौराणिक नगरी हरिद्वार में जहां सुबह-शाम मठ मंदिरों से वेद की ऋचाओं के स्वर के साथ घंटे-घडियाल की ध्वनि सुनाई देती थी। मां गंगा की कल-कल निनाद करती धारा में कबीर के दोहे व रसखान के सैवय्यों के स्वर सुनाई देते थे। मां गंगा का कल-कल निनाद मन को असीम शांति की अनुभूति कराता था, उस तीर्थनगरी का स्वरूप आज बिगड़ चुका है। निनाद की शांति लोगों की परेशानी के स्वरों के बीच दबकर रह गई है। बावजूद इसके उस परेशानी को दूर करने का उपाय कोई करते दिखाई नहीं देता।


हाल ही में तीर्थनगरी के लोग भीषण गर्मी से परेशान थे। हर कोई बरसात होने की कामना कर रहा था, किन्तु जब बरसात हुई तो लोग बरसात न होने की कामना कर रहे हैं। लोग कहने लगे हैं कि बरसात से भीषण गर्मी ही भली थी, कम से कम परेशानी के साथ नुकसान तो नहीं उठाना पड़ रहा था। ऐसा इसलिए की जरा सी बरसात होने के बाद जलमग्न होती तीर्थनगरी। जलभराव भी ऐसा की लोगों की दुकानें, मकान आदि जलकुण्ड का रूप लेने लगे हैं। जिस कारण से लोगों को परेशानी के साथ भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। विगत दिन हुई बरसात के कारण व्यापारियों और आमजन को खासा नुकसान उठाना पड़ा। लोगों की दुकानों, मकानों मंे बरसात का पानी भर गया।


अभी तक रानीपुर मोड़ चन्द्राचार्य चौक पर ही जलभराव होता था, किन्तु अब शहर के कई ऐसे इलाके भी इसमें शामिल हो गए हैं जहां भारी जलभराव होता है और लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। चन्द्राचार्य चौक पर हुए जलभराव के कारण व्यापारियों को खासा नुकसान हुआ। कटहरा बाजार में भी जलभराव हुआ। इसके साथ कनखल क्षेत्र के कृष्णानगर, संदेश नगर आदि कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों के घरों में दो फुट से अधिक बरसात का पानी जमा हो गया। ऐसे में लोग न तो घरों में रहने के लायक रहे और न ही वह बाहर निकलने के। इसके साथ ही उनका जो नुकसान हुआ वह अलग। मजबूर होकर लोग केवल नुकसान होता देख चित्कार करने के अलावा कुछ नहीं कर पाए। स्थित तब और भयावह हो जाती है जब गंगा नहर का जलस्तर बढ़ जाता है। जिस कारण से बरसात के पानी की निकासी नहीं हो पाती और उसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ता है।


ऐसे में सवाल उठता है कि जलभराव की समस्या से निजात के उपाय क्या हैं। दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, किन्तु धरातल पर परिणाम शून्य। आखिर इसके लिए दोषी कौन। जिसे देखो वहीं एक-दूसरे पर आरोप लगाने के अतिरिक्त और कुछ नहीं, किन्तु मिलकर समस्या के समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। कुल मिलाकर जिस प्रकार से शहर की जनसंख्या बढ़ती जा रही है और सिस्टम फेल होता जा रहा है उसको देखते हुए यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आमजन के लिए समस्या और विकट हो जाएगी।


शहर में विकट हो चली जलभराव की समस्या को देखते हुए पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर समस्या से अवगत कराया। जिस पर मुख्यमंत्री ने समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसके शीघ्र समाधान का वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व विधायक संजय गुप्ता को आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद लोगों को समस्या ने निजात की किरण दिखाई देने लगी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *