स्वामी को घेरने का कोई रास्ता छोड़ना नहीं चाहते विरोधी
हरिद्वार। चुनावी बिगुल बज चुका है। लगभग सभी दलों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। शुक्रवार को नामांकन का आखिरी दिन है। इसी बीच कांग्रेस ने ज्वालापुर सीट से जहां अपने प्रत्याशी में बदलाव किया है। वहीं हरिद्वार ग्रामीण सीट से स्वामी यतीश्वरानंद के मुकाबले हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। इस चुनावी समर में भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
जहां अनुपमा रावत को प्रत्याशी बनाए जाने से स्थानीय नेताओं में रोष है और उन्होंने पैराशूट प्रत्याशी के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करना भी शुरू कर दिया है। वहीं अनुपमा के आने से भाजपा प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं।

सूत्र बताते हैं कि अनुपमा को हरिद्वार ग्रामीण से टिकट देना भाजपा-कांग्रेस की साझा रणनीति का हिस्सा है। साझा रणनीति इस कारण से की स्वामी यतीश्वरांनद को इस चुनाव में पटखनी देने के लिए जहां तक संभव है कुछ नेता कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। अनुपमा के लिए मुश्किलें इसलिए बढ़ गयी हैं कि स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने अनुपमा का नाम फाइनल होने के साथ ही विरोध करना शुरू कर दिया है। जिसका स्वामी यतीश्वरानंद को फायदा मिल सकता है। जबकि आप प्रत्याशी भी स्वामी के खिलाफ प्लांट किया हुआ बताया जा रहा है। वहीं सूत्र बताते हैं कि स्वामी को हराने के के लिए हर प्रकार की मदद के लिए भाजपा नेता तैयार हैं। साथ ही हरिद्वार शहर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भी अनुपमा की पूरी मदद करेंगे। सूत्र बताते हैं कि इस बारे में चर्चा टिकट से पूर्व ही हो चुकी थी। सूत्र बताते हैं कि यदि मदद का आश्वासन न मिलता को टिकट मिलना भी कांग्रेस प्रत्याशी को मुश्किल था। बहरहाल हरिद्वार शहर सीट के साथ हरिद्वार ग्रामीण सीट पर मुकाबला रोचक हो चला है। जहां स्वामी पूर्व में अनुपमा के पिता हरीश रावत को इसी सीट से मात दे चुके हैं वहीं अब बेटी पिता की हार का बदला लेने के लिए चुनाव मैदान में उतरी है। बदला पूरा हो पाएगा या नहीं यह तो 10 मार्च को मतगणना के बाद पता चल जाएगा, किन्तु एक-दूसरे को शह-मात देने केे कारण हरिद्वार ग्रामीण सीट शहर सीट के मुकाबले ज्यादा हॉट हो गयी है। देखना यह है कि शह-मात के इस खेल में जीत किसका वरण करती है।


