थायराइड की परेशानी बढ़ने पर सबसे पहले गर्दन में दर्द की परेशानी महसूस होती है. दरअसल, थायराइड ग्रंथि गर्दन के सामने ही होती है. ऐसे में अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी हो, तो यह गर्दन के एरिया को सबसे अधिक प्रभावित करती है. इसकी वजह से न सिर्फ गर्दन में दर्द होता है, बल्कि गले के आसपास काफी ज्यादा सूजन भी होने लगती है.
शरीर में थायराइड हार्मोन असंतुलित होने की स्थिति में मरीजों का दर्द गर्दन से धीरे-धीरे जबड़ों और कानों तक पहुंचता है. ऐसी स्थिति को लंबे समय तक नजरअंदाज करना घातक हो सकता है. यदि किसी को यह परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
शरीर के जोड़ों का दर्द भी थायराइड का ही कारण हो सकता है. दरअसल, सबस्यूट थायरॉयडिटिस की स्थिति में मरीजों का दर्द धीरे-धीरे जोड़ों तक पहुंचता है. मुख्य रूप से यह घुटनों का दर्द काफी ज्यादा बढ़ा देता है.
शरीर में थायराइड हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण पैरों और तलवों में भी मरीजों को दर्द महसूस होता है. मुख्य रूप से लंबे समय तक चलने या फिर खड़े होने पर काफी ज्यादा दर्द और तलवों में जलन जैसा महसूस होता है.
थायराइड के मरीजों में न सिर्फ सूजन की परेशानी देखी जाती है, बल्कि इसकी वजह से मांसपेशियों में भी काफी ज्यादा दर्द होता है. अक्सर मरीज मांसपेशियों के दर्द से परेशान रहते हैं. अगर आपको भी मांसपेशियों में दर्द हो रहा है, तो ऐसे में एक बार अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लें.
थायराइड हार्मोन असंतुलित होने पर शरीर में होने वाले दर्द से बचने के लिए आयोडीन युक्त आहार लें, नियमित योग करें, सोयाबीन, फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली जैसे आहार खाने से बचें. जितना संभव हो तेल-मसालों का सेवन न करें।
हमारी फार्मेसी द्वारा निर्मित थायो एक्सपर्ट और गंडमाला कंडन रस का सेवन दोनों प्रकार के हाइपोथाइरॉएड एवं हाइपर थायराइड दोनों में बहुत अच्छा लाभ दिखता है एवं थायराइड ग्रंथि को एक्टिवेट करता है
Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
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